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276 बेड वाले आरजीएच में 500 रोगियों का हो रहा इलाज

राउरकेला सरकारी अस्पातल को जिला स्तरीय अस्पताल की मान्यता देने के साथ ही भुवनेश्वर कैपिटल अस्पताल का रूप देने की घोषणा की गई थी पर अब तक यहां विकास का काम नहीं हुआ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 09:29 AM (IST)
276 बेड वाले आरजीएच में 500 रोगियों का हो रहा इलाज
276 बेड वाले आरजीएच में 500 रोगियों का हो रहा इलाज

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला सरकारी अस्पातल को जिला स्तरीय अस्पताल की मान्यता देने के साथ ही भुवनेश्वर कैपिटल अस्पताल का रूप देने की घोषणा की गई थी पर अब तक यहां विकास का काम नहीं हुआ। 276 बेड वाले अस्पताल में 500 से अधिक रोगियों का इलाज चल रहा है जिससे कई तरह की अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है। बड़ी संख्या में रोगियों को जमीन पर लिटाकर इलाज कराना पड़ रहा है। जबकि इस अस्पातल पर सुंदरगढ़ जिला ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ एवं आसपास के रोगी भी निर्भर हैं।

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राउरकेला सरकारी अस्पातल को कैपिटल अस्पताल की तरह सुविधा नहीं मिल पा रही है। यहां पीपी मोड पर सीटी स्कैन, डायलिसिस की व्यवस्था है पर आवश्यक बेड की सुविधा नहीं है। हर वार्ड में जितने बेड हैं उसे अधिक संख्या में मरीज यहां इलाज के लिए आ रहे हैं। बेड की संख्या व सुविधा बढ़ाने के लिए भाजपा व कांग्रेस की ओर से आंदोलन के बावजूद कोई लाभ नहीं मिल रहा है। 18 अक्टूबर 2019 को आरजीएच को चार सौ बेड वाला अस्पातल बनाने की घोषणा की गई थी। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से राउरकेला सरकारी अस्पातल के निदेशक को पत्र भी मिला पर इसके डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद कोई काम नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी कोई कदम नहीं उठाया गया। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय से जो पत्र लिखा गया है उसमें पत्रांक या किसी अधिकारी के हस्ताक्षर तक नहीं है। राज्य सरकार से सुविधा नहीं मिलने के कारण इस अस्पताल में 55 में से 17 चिकित्सकों को जिला खनिज कोष से वेतन दिया जा रहा है। अस्पताल का 30 से 40 प्रतिशत खर्च खनिज कोष से ही भरपाई हो रहा है। केवल चिकित्सक ही नहीं 37 नर्स एवं दो एंबुलेंस का खर्च भी डीएमएफ से ही मिल रहा है। डीएएमएफ से सहायता बंद होने से अस्पातल की हालत और अधिक बदतर हो जाएगी।


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