डेढ़ साल से कमरे में कैद थी 44 साल की विवाहित महिला
झीरपानी में शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न से 44 वर्षीय महिला रंजीता लाहिड़ी की मानसिक हालत बिगड़ गई है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : झीरपानी में शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न से 44 वर्षीय महिला रंजीता लाहिड़ी की मानसिक हालत बिगड़ गई है। पति व सास-ससुर उसे प्रताड़ित कर कर रहे थे। डेढ़ साल से 80 वर्गफीट के एक कमरे में बंद थी। सामाजिक कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी मिलने के बाद उसे मुक्त कराने के साथ ही राउरकेला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। झीरपानी थाना में शिकायत कर पुलिस से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।
क्योंझर जिले के अति गरीब परिवार की रंजीता से राउरकेला के संतोष लाहिड़ी ने प्रेम विवाह किया था। इनके नौ साल एवं चार साल के दो बच्चे हैं। सास की दो साल पहले मौत हो गई। इसके बाद से ही उसके साथ अधिक उत्पीड़न होने लगा। दूसरी महिला से पति का संबंध होने के कारण रंजीता इसका विरोध करती थी। इस पर उसके साथ मारपीट की जाती थी। बीते डेढ़ साल से रंजीता को एक कमरे में बंद कर रखा गया था। उसे खिड़की से भोजन दिया जाता था। इसी कमरे में खाना, पीना, सोना व शौंच करना पड़ता था। जिससे कमरे में दुर्गंध व्याप्त थी। इसकी जानकारी मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश पासवान, देवकी मिश्र, अनीता साहू, विश्वजीत राउत, रुनू आदि लोग झीरपानी थाना पहुंचे फिर पुलिस के साथ घटनास्थल जाकर रंजीता को मुक्त कराया एवं राउरकेला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। रंजीता की मानसिक हालत ठीक नहीं है। वह पति व ससुर के द्वारा उसके साथ मारपीट करने, भोजन नहीं देने के संबंध में भी बताती है। पड़ोसियों के अनुसार, रंजीता का स्वभाव मिलनसार था एवं सभी से वह अच्छा व्यवहार करती थी।
-------------
संतोष तीन दिन पहले कोलकाता काम से गया है। रंजीता हमेशा झगड़ा व मारपीट करती थी। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। इससे परेशान होकर उसे एक कमरे में बंद करना पड़ा।
-मनबोध लाहिड़ी, ससुर