चेमापाड़ा फुटबाल टूर्नामेंट में 32 टीमों का मुकाबला
सुंदरगढ़ जिले के बड़गांव चेमापाड़ा में सोमवार से नाकआउट खस्सी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है।
संवादसूत्र, बड़गांव : सुंदरगढ़ जिले के बड़गांव चेमापाड़ा में सोमवार से नाकआउट खस्सी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया है। इसमें जिले भर से 32 टीम शामिल हो रहे हैं। उद्घाटन मैच बड़गांव लेलेपाड़ा व कुतरा ब्लाक के गंगाजल टीम के बीच खेला गया। इसमें गंगाजल टीम ने 1-0 के अंतर से जीत दर्ज की।
आइएनआरआइ क्लब की ओर से आयोजित इस टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में नायब सरपंच केशव कर्सेल, पूर्व फुटबालर नुआस केरकेटटा व मोइन नायक, सोमरा केरकेटटा मौजूद थे। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के साथ ही हार जीत से बढ़कर खेल की भावना से खेलने का आह्वान किया।
टूर्नामेंट में रेफरी की भूमिका भक्ति टुडू, देवेन्द्र किसान, दिगंबर किसान निभा रहे हैं। टूर्नामेंट का फाइनल मैच 18 दिसंबर को खेला जाएगा। आयोजन कमेटी की ओर से विजेता, उप विजेता के साथ तीसरे व चौथे स्थान पर आने वाली टीम को खस्सी तथा कप प्रदान किया जाएगा। फिलिप डुंगडुंग, सुनील धनवार, सुमन डुंगडुंग, राजेन्द्र डुंगडुंग सहयोग कर रहे हैं। विधायक ओराम बोले- राष्ट्रीय उद्योग से ही देश का आर्थिक विकास : स्वदेशी जागरण मंच एवं डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन आफ राउरकेला की ओर से सेक्टर-7 स्थित डियर कार्यालय परिसर में राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय उद्योग की भूमिका विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि बीरमित्रपुर के विधायक शंकर ओराम ने कहा कि राष्ट्रीय उद्योगों के विकास से ही देश का आर्थिक विकास संभव है।
आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले के विकास पर उन्होंने राउरकेला इस्पात संयंत्र का उदाहरण प्रस्तुत किया। कहा कि जिले के विकास में इसकी स्थिति निर्भर करती है।
श्रमिक नेता व मंच के राज्य संघर्ष वाहिनी प्रमुख दिलीप कुमार पटनायक ने राष्ट्रीय उद्योगों का देश के विकास में अवदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राउरकेला इस्पात संयंत्र में 13 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं पर राउरकेला की पांच लाख आबादी की जीवन-जीविका इससे जुड़ी हुई है। डियर के महासचिव नरेंद्र नाथ दास ने निजी व सरकारी उद्योगों के विकास में सरकार के योगदान पर विचार रखे। प्रदेश सह संयोजक रमाकांत पात्र ने देश की आधारभूत विकास तथा आंचलिक विषमता को समाप्त करने में राष्ट्रीय उद्योगों की भूमिका पर अपने विचार रखे। इसमें भीमसेन नायक, सत्यव्रत पंडा, मनोज नायक समेत अन्य लोग शामिल थे।