आरएसपी कर्मियों को अब तीन साल में मिलेगा क्लस्टर प्रमोशन
राउरकेला इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मियों को अब साढ़े तीन साल की जगह तीन साल में ही क्लस्टर प्रमोशन मिल सकेगा।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र में कार्यरत कर्मियों को अब साढ़े तीन साल की जगह तीन साल में ही क्लस्टर प्रमोशन मिल सकेगा। प्रमोशन नीति में गड़बड़ी के कारण कई कर्मचारी इससे वंचित होते थे। सेल प्रबंधन की ओर से गड़बड़ी को दूर किया गया है।
संयंत्र में स्वीकृतिप्राप्त यूनियन की पहल पर 24 जुलाई 2019 को आंचलिक श्रम कार्यालय में प्रबंधन के साथ त्रिपक्षीय वार्ता तथा समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। इससे संयंत्र के कर्मियों को लाभ मिलना था। वरिष्ठता के आधार पर बड़ी संख्या में कर्मी इस सूची में शामिल नहीं हो सके थे। 25 अप्रैल 2020 को फिर एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया जिसमें वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन से वंचित श्रमिकों को भी सुविधा मिलनी थी। आरएसपी प्रबंधन की ओर से मंगलवार को इस पर अमल करने संबंधित पत्र लिखा गया। तब साढ़े तीन साल के बजाय तीन साल में कर्मियों को क्लस्टर प्रमोशन मिलने की जानकारी राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ की ओर से कही गई है। अर्बन बैंक में फर्जी एकाउंट पर 130 को नोटिस, हाजिर हुए सात लोग : जीएसटी फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद हुए ऑडिट में अर्बन को-आपरेटिव बैंक राउरकेला में 130 फर्जी एकाउंट का पता चला। फर्जी एकाउंट खोलने वालों को हाजिर होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया था। इनमें से अधिकर का पता गलत होने के कारण नोटिस वापस आ गया। निर्धारित समय तक केवल सात हाजिर हुए एवं केवल पांच ने अपना पक्ष रखा है। दो के समय पर नहीं पहुंचने के कारण बाद में पक्ष रखने का मौका दिया गय है।
राज्य जीएसटी एवं केन्द्रीय जीएसटी विभाग की ओर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी की गई थी। इसमें 15 से अधिक लोगों को ठगी में पकड़े जाने पर गिरफ्तार किया गया था। सबसे बड़ी बात यह है कि फर्जी एकाउंट खोल कर करोड़ों रुपये का लेनदेन व निकासी की गई है। जांच में यह पता चला कि फर्जीवाड़ा करने वाले लोग चालक, मिस्त्री, दुकानदार, मजदूरों का दस्तावेज लेकर उनके नाम पर फर्जी खाता खोले हैं। अर्बन को-आपरेटिव बैंक के उदितनगर, डेली मार्केट, आमबगान तथा फर्टिलाइजर शाखा में करीब 130 फर्जी एकाउंट हैं। सभी को नोटिस जारी किया गया था। इसमें से केवल सात लोग ही अपना पक्ष रखने के लिए पहुंचे। बैंक की ओर से जारी 90 फीसद नोटिस गलत पता लिखे होने के कारण वापस हो गए। इस संबंध में बैंक प्रबंधन की ओर से कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है। अनियमितता के कारण बैंक के कुछ अधिकारियों को ऑडिटर आफ मार्जिन मेमो जारी किया गया है। कुछ अधिकारी अपना पक्ष रख रहे हैं। मार्च महीने के अंत तक इसपर अंतिम रिपोर्ट सरकार को भेजे जाने की जानकारी मिली है।