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यूनियन चुनाव व वेतन समझौते की मांग पर धरना

राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन के चुनाव तथा नए वेतन समझौता की मांग को लेकर राउरकेला श्रमिक संघ (आरएसएस) एवं गांगपुर मजदूर मंच (जीएमएम) ने संयुक्त रूप से सोमवार से रीजनल लेबर कमिश्नर आंचलिक के सेक्टर-5 स्थित कार्यालय के समक्ष धरना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 07:50 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 07:50 AM (IST)
यूनियन चुनाव व वेतन समझौते की मांग पर धरना
यूनियन चुनाव व वेतन समझौते की मांग पर धरना

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में मान्यता प्राप्त ट्रेड यूनियन के चुनाव तथा नए वेतन समझौता की मांग को लेकर राउरकेला श्रमिक संघ (आरएसएस) एवं गांगपुर मजदूर मंच (जीएमएम) ने संयुक्त रूप से सोमवार से रीजनल लेबर कमिश्नर, आंचलिक के सेक्टर-5 स्थित कार्यालय के समक्ष धरना शुरू कर दिया है। चार दिन तक धरना के बाद मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई है।

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आरएसएस के महासचिव प्रशांत बेहरा, अध्यक्ष डीएस पानीकर तथा जीएमएम के गोपाल दास की अगुवाई में आरएलसी के कार्यालय के समक्ष धरना दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सेल कर्मचारियों के वेतन समझौते की अवधि 31 दिसंबर 2016 को पूरी होने के चार साल बीत चुके हैं पर अब तक एनजेसीएस में नए वेतन समझौते को लेकर ठोस पहल नहीं की जा रही है। स्वीकृति प्राप्त यूनियन की अवधि भी 25 अप्रैल 2020 को पूरी हो चुकी है। इसके दस महीने बीत जाने के बाद भी यूनियन चुनाव नहीं कराया जा रहा है। इससे स्वीकृति प्राप्त यूनियन के द्वारा प्रबंधन से मिलकर अपने अधिकार का गलत उपयोग किया जा रहा है। स्वीकृति प्राप्त यूनियन चुनाव को लेकर आरएसएस की ओर से महासचिव प्रशांत बेहरा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए सात सितंबर 2020 के बल पर आरएसपी में गुप्त मतदान के जरिए यूनियन चुनाव कराने के लिए मुख्य श्रम आयुक्त सेंट्रल नई दिल्ली, डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर भुवनेश्वर तथा रीजनल लेबर कमिश्नर राउरकेला को निर्देश दिए गए। सुंदरगढ़ में प्रशासनिक सहमति मिलने के बाद भी चुनाव नहीं कराया जा रहा है। श्रमिक नेताओं ने कहा है कि जब तक उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। पीएफ ऋण का अतिरिक्त सूद वापस हो : भारत सरकार के श्रम व नियोजन मंत्रालय की ओर से वर्ष 2019-20 के लिए पीएफ सूद दर 8.5 फीसद प्रदान करने की घोषणा की गई है। घोषणा के अनुसार पीएफ लाभुकों से अस्थायी ऋण पर 9.5 फीसद सूद लेना चाहिए। सेल कर्मियों में यह लागू नहीं हो रहा है। राउरकेला मजदूर सभा (आरएमएस) की ओर से आरएसपी सीईओ को पत्र लिखकर वसूला गया अतिरिक्त सूद वापस देने की मांग की गई है। कहा गया है कि पीएफ के अस्थायी ऋण पर 9.5 फीसद की जगह 9.65 फीसद सूद वसूला गया है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक क्षति हुई है। आरएमएस की ओर से डायरेक्टर फाइनेंस, सीजीएम आरएसपी एवं आंचलिक श्रम आयुक्त केंद्रीय को भी पत्र लिखकर इस पर पहल करने की मांग की है।


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