छोटे भाई की मौत के सदमे में बड़ा भाई भी चल बसा
राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में ठेका श्रमिक 52 वर्षीय रायसेन मरांडी की मौत के बाद से मुआवजा व अनुकंपा की नियुक्ति की मांग को लेकर जगह-जगह चक्कर काट रहे बड़े भाई 60 वर्षीय छोटू मरांडी की सदमे में मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में ठेका श्रमिक 52 वर्षीय रायसेन मरांडी की मौत के बाद से मुआवजा व अनुकंपा की नियुक्ति की मांग को लेकर जगह-जगह चक्कर काट रहे बड़े भाई 60 वर्षीय छोटू मरांडी की सदमे में मौत हो गई। छोटे भाई की मौत की सूचना मिलने के बाद से उनका खाना-पीना ठीक ढंग से नहीं हो रहा था। अब बूढ़ी मां की हालत भी दयनीय हो गई है।
लाठीकटा थाना अंतर्गत हाथीबंधा पंचायत के नयाडेरा निवासी रायसेन मरांडी आरएसपी में ठेका कंपनी पुष्पा इंटरप्राइजेज में वेल्डर के रूप में काम करता था। उसके परिवार में बूढ़ी मां 85 वर्षीय सालगे मरांडी, पत्नी 40 वर्षीय मलहो मरांडी, 12 वर्षीय पुत्र टिकराम, तीन वर्षीय पुत्र एवं पांच वर्षीय बेटी हैं। रायसेन की कमाई पर ही परिवार में बड़े भाई 60 वर्षीय छोटू मरांडी, पत्नी, तीन बेटे, दो बहन नकीमणी एवं करमी का परिवार भी आश्रित था। सभी के सुख-दुख में रायसेन ही सहयोग करता था। विगत 11 फरवरी को आरएसपी में सी शिफ्ट की ड्यूटी पर था तभी उसकी तबीयत खराब हुई। ठेका संस्था के द्वारा उसे एंबुलेंस के बजाय निजी वाहन से इस्पात जनरल अस्पताल (आइजीएच) भेजा गया, जहां उसकी मौत हो गई। 12 फरवरी की सुबह परिवार वालों को इसकी जानकारी दी गई।
सूचना मिलने पर परिवार के लोग आइजीएच पहुंचे एवं संयंत्र में आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति व 12 लाख रुपये के मुआवजा की मांग की है। दस दिनों से इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। परिवार के लोग कभी श्रमिक संगठन कार्यालय तो कभी एडीएम आफिस का चक्कर काट रहे हैं। घर में परिवार के सदस्य की मौत होने के कारण चूल्हा नहीं जल रहा हैं एवं उनका खाना पीना भी नहीं हो रहा है। इसी बीच छोटे भाई की मौत के सदमे में बड़े भाई छोटू मरांडी की शनिवार को हालत बिगड़ गई एवं अस्पताल ले जाने पर वहां उनकी भी मृत्यु हो गई। आरएसपी एवं ठेका संस्था की ओर से उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है।