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निजी अस्पतालों में 10 फीसद बेड कोविड मरीजों के लिए रहेंगे आरक्षित

तीस से अधिक बेड वाले निजी अस्पताल अब कोविड-19 के रोगियों के लिए 10 फीसद बेड आरक्षित रखेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 12:24 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 12:24 AM (IST)
निजी अस्पतालों में 10 फीसद बेड कोविड मरीजों के लिए रहेंगे आरक्षित

जासं, राउरकेला : तीस से अधिक बेड वाले निजी अस्पताल अब कोविड-19 के रोगियों के लिए 10 फीसद बेड आरक्षित रखेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने आरक्षित बेडों में आवश्यक संख्या में आइसीयू और वेंटिलेटर की उपलब्धता रखने का आदेश दिया है। नतीजतन, अब निजी अस्पतालों में पहचाने जाने वाले कोरोना रोगियों को सरकारी अस्पताल भेजा जाना जरूरी नहीं होगा। यदि इच्छुक निजी अस्पताल चाहे तो पूरे अस्पताल को कोविड अस्पताल में बदलने के लिए तैयार रह सकते है। कहा गया है कि संबंधित निजी अस्पताल में इलाज की इच्छा रखने वाले रोगियों को चिकित्सा खर्च खुद वहन करना होगा। निजी अस्पतालों में संदिग्ध रोगियों के इलाज के लिए बुखार क्लीनिक के साथ अलगाव की सुविधा होनी जरूरी है। एक बार पॉजिटिव होने पर, जो मरीज संबंधित अस्पताल में इलाज कराना चाहते हैं, उनका इलाज उनके स्वास्थ्य बीमा या स्वयं के खर्च पर किया जा सकता है। राज्य सरकार इसके लिए कोई धन उपलब्ध नहीं कराएगी। हालांकि अस्पतालों को मरीजों से इस बाबत सुलभ दर वसूलने को कहा गया है।

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ओवरचार्ज करने पर होगी कार्रवाई : यदि कोई अस्पताल मरीजों को ओवरचार्ज करता पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल एक साथ बिलों का भुगतान कराने की जगह रोगियों से हर दिन बिल जमा कराने की व्यवस्था करेंगे। राज्य सरकार ने रोगियों को तय दरों के अनुसार परीक्षण के लिए भुगतान करने को कहा है। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार रोगियों का इलाज करना है। अस्पतालों को आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन, पीपीई, सैनिटाइजर आदि को संग्रहित करना है।

सरकारी पोर्टल पर डेटा कराना होगा उपलब्ध : निजी अस्पताल अपने यहां इलाज करने वाले मरीज के डेटा को निर्धारित पोर्टल पर अपलोड करने के साथ उसके बारे में पूरी जानकारी देगें। उनका इलाज कैसे किया जा रहा है, बेड की हालत और इलाज का खर्च क्या है। नमूना रिपोर्ट की जानकारी रोगी को प्रदान करने के साथ अस्पताल में किसी विशेष स्थान पर रोगी के परिचारक के लिए रहने की व्यवस्था करने को कहा गया है। अस्पताल के हेल्प डेस्क कर्मचारी नियमित रूप से परिवार के सदस्यों को रोगी की स्थिति के बारे में टेलीफोन या अपनी उपस्थिति से सूचित करेंगे। इसी तरह, जहां रोगी का इलाज चल रहा है, वहां सीसीटीवी लगाने को कहा गया है। विभाग ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो फुटेज को स्क्रीन करना आसान होगा।


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