लॉकडाउन को सुअवसर में बदलकर सुकदेव बने सफल किसान
कोईड़ा प्रखंड के 15 पंचायत खनिज खदानों से भरपूर होने के साथ यहां विभिन्न प्रकार के संयंत्र व रेलवे साइडिग भी है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोईड़ा प्रखंड के 15 पंचायत खनिज खदानों से भरपूर होने के साथ यहां विभिन्न प्रकार के संयंत्र व रेलवे साइडिग भी है। प्रखंड के कुछ हिस्से को अगर छोड़ दे तो बाकि हिस्सा खेती के लायक नहीं है। खदान से भरपूर क्षेत्र होने के कारण लोग खेती के कार्य को महत्व नहीं देते है। बल्कि अधिकतर लोग अपने जीवन यापन के लिए खदान व संयंत्रों पर निर्भर है। लेकिन कोरोना संकट आने के बाद पूरे देश के साथ-साथ कोईड़ा भी प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन, शटडाउन आदि के कारण सभी कार्य ठप हो गए थे। लेकिन अत्यावश्यक सामग्री व सब्जियों की ब्रिकी जारी थी। इसी के मद्देनजर कोईड़ा पंचायत के धूबुलाबेड़ा गांव के सुकदेव किसान ने खेती में किस्मत अजमाने की ठानी। घर के पास स्थित गोचर जमीन पर उसने अपने एक दोस्त सचिनंद के मार्गदर्शन व सहयोग से सब्जी की खेती शुरू की। सुकदेव ने कोरोना के समय को सुअवसर में बदलते हुए दो एकड़ जमीन पर एक दर्जन से अधिक सब्जियों की खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं।
सुकदेव ने बताया कि खेत से निकलने वाली सब्जियों को कोईड़ा बाजार में बेचकर वह ठप पड़े बाजार में भी अच्छी आमदनी कमा ले रहे हैं। इसके साथ ही उसने खुद को सफल किसान के रूप में स्थापित कर लिया है। सुकदेव दो एकड़ जमीन पर लौकी, भिडी, झींगा, कुमड़ा, मिट्टी आलू, बिम्स, बैगन, मिर्चा, साग, कच्चु आदि का उत्पादन कर खुद को आत्मनिर्भर बनने के साथ अन्य लोगों के लिए एक मिसाल पेश की है। सुकदेव ने बताया कि अगर सरकार की ओर से उन्हें खेती के लिए सहायता मिलती है तो वह और अधिक सब्जी की खेती कर कोईड़ा अंचल को सब्जी उपलब्ध करा पाएंगे।