निर्माण श्रमिक सहायता के बहाने दस हजार रुपये की ठगी
निर्माण श्रमिक की पत्नी को सहायता के नाम पर दस हजार रुपये ठग लिया गया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : निर्माण श्रमिक की पत्नी को सहायता के नाम पर दस हजार रुपये ठग लिया गया। पति की मौत के बाद उसे निर्माण श्रमिक को मिलने वाली सहायता राशि दिलाने के साथ ही श्रमिक कार्ड बनाकर देने का भरोसा दिया गया था। श्रमिक संगठन से कथित सदस्य ने दस्तावेज के साथ रुपये भी लिए पर महिला को अब तक कोई सहायता नहीं मिल पाई है।
टेलीफोन भवन सेक्टर-6 के पीछे बस्ती में रहने वाली हलीमा खातून का पति दैनिक मजदूरी करता था एवं दो साल पहले अचानक उसकी मौत हो गई। पति की मौत के बाद वह घरों में कामकर बेटी व अपना भरण पोषण कर रही है। उसने आरोप लगाया है कि वह पति की मौत के बाद निर्माण श्रमिक की मौत पर सरकार से मिलने वाली सहायता दिलाने के लिए सेक्टर-7 स्थित श्रमिक संगठन के कार्यालय से संबंधित होने की बात कहकर एक व्यक्ति ने उससे दस्तावेज के साथ एक हजार रुपये मांगे। इसके कुछ दिन बाद फिर दस हजार रुपये देने को कहा गया। पैसा देने के कई माह बीत जाने के बाद भी सहायता राशि नहीं दी गई। अब पैसा लेने वाले लोग उनके सामने नहीं आ रहे हैं और ना ही उसकी सहायता ही की जा रही है। उल्लेखनीय है कि शहर में ऐसे कई श्रमिक संगठन हैं जो लोगों का पंजीकरण कराने के नाम पर लोगों से वसूली कर रहे हैं। इसमें गड़बड़ी के चलते कोरोना राहत राशि से भी कई निर्माण श्रमिकों को वंचित रहना पड़ा है।
कोट-
श्रमिक संगठन को जानबूझ कर बदनाम करने के लिए कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं। हलीमा खातून कार्यालय में नहीं आई है और ना ही किसी तरह के दस्तावेज ही जमा कराए हैं। निर्माण श्रमिकों से संबंधित आवश्यक दस्तावेज मिलने पर यूनियन की ओर से हर संभव सहायता मुहैया कराई जाती है जिसके लिए किसी तरह का पैसा नहीं लिया जाता है।
- बीएन दास, महासचिव, सियर।