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पटमदा के 14 श्रमिक साइकिल से गए अपने गांव

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के पटमदा के 14 श्रमिक साइकिल से राउरकेला बंडामुंडा होते हुए शनिवार को रवाना हुए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 06:11 AM (IST)
पटमदा के 14 श्रमिक साइकिल से गए अपने गांव
पटमदा के 14 श्रमिक साइकिल से गए अपने गांव

जागरण संवाददाता, राउरकेला : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम के पटमदा के 14 श्रमिक साइकिल से राउरकेला, बंडामुंडा होते हुए शनिवार को रवाना हुए। दोपहर को बंडामुंडा पहुंचने पर एकता मंच की ओर से उन्हें भोजन कराया गया। लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण विभिन्न क्षेत्रों से श्रमिकों का पलायन जारी है।

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पूर्वी सिंहभूम के पटमदा प्रखंड के कटिग के नजदीक रागडीह गांव के 14 श्रमिक ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में चार महीने से एलएंडटी पंपहाउस में काम कर रहे थे। लॉकडाउन में उनका काम बंद हो गया था। लॉकडाउन अवधि बढ़ने तथा भोजन का पैसा भी नहीं बचने के कारण साइकिल से ही घर लौटने का निर्णय लिया। ठेकेदार से वेतन का पैसा मांगा। ठेकेदार से मिले 80 हजार रुपये से साइकिल खरीदी। शनिवार की रात दो बजे झारसुगुड़ा से रवाना हुए थे एवं दोपहर 12 बजे तक राउरकेला के महानगर निगम कार्यालय के पास पहुंचे। यहां साइकिल ठीक कराने के बाद बंडामुंडा पहुंचे। पटमदा के मानसा राम महतो, अभिराम महतो, श्यामपद महतो, अश्विनी कुम्हार आदि श्रमिक भूखे प्यासे होने के कारण यहां एकता मंच की ओर से उन्हें भोजन कराया गया। उन्होंने बताया कि अब खेती का सीजन आ गया है। खेती का काम खत्म होने के बाद फिर से काम पर लौट जाएंगे। लॉकडाउन ने मजदूरी और चक्रवात ने घर छीना, गांव लौटे मजदूर

पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनापुर के 6 मजदूर बिहार के संवेदक अमित कुमार के अधीन राउरकेला के वेदव्यास इलके में काम करते थे। जिसमें शामिल लालटू जेना, सपन जेना, तपन जेना और अन्य के अनुसार उनका काम 22 मार्च को बंद हो गया। वे घर जाना चाहते थे, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया। पैसे भी नहीं दिए। वेदव्यास गोशाला में उन्होंने अपना गुजारा किया। पैसे नहीं होने के कारण घर नहीं जा पा रहे थे। दो दिन पहले आए चक्रवात एम्फन में उनके गांव के घर को उजाड़ दिया है। कहा कि किस्मत खराब है, इस लिए रोजगार व घर दोनों छिन गए हैं। लोगों ने उनके लिए खाना पानी की व्यवस्था कर उन्हें आगे लिए विदा किया था।


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