पूरा नहीं हो रहा राउरकेला वासियों का उड़ान का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 कोउड़े देश का आम नागरिक उड़ान योजना की घोषणा की थी।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को'उड़े देश का आम नागरिक, उड़ान योजना' की घोषणा की थी। इसमें राउरकेला शहर को भी शामिल करने तथा यहां से हवाई सेवा लोगों को मिलेगी इसकी उम्मीद थी पर अब तक यहां से नियमित हवाई सेवा शुरू नहीं हो पाई है। नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से 7 जनवरी 2019 को राउरकेला हवाई अड्डे को उड़ान के लिए लाइसेंस दिया गया है पर चार महीने बीत जाने के बावजूद नियमित उड़ान शुरू नहीं हो पाई है। आज भी लोगों को हवाई मार्ग से देश के विभिन्न शहरों में जाने के लिए भुवनेश्वर, झारसुगुड़ा, रांची या कोलकाता जाना पड़ रहा है।
राउरकेला चैंबर ऑफ कामर्स समेत अन्य संगठनों की ओर से 2007 से राउरकेला से हवाई सेवा नियमित रूप से कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है। राउरकेला इस्पात संयंत्र अधीनस्थ राउरकेला हवाई अड्डा को भुवनेश्वर, झारसुगुड़ा के बाद राज्य का तीसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनाने की योजना है। यहां विमान के लिए ईंधन भरने की भी व्यवस्था की गई। नागरिक उड्डयन विभाग के निदेशक जनरल की ओर से ओडिशा के तीसरे हवाई अड्डा से 19 सीट वाले विमानों के उड़ान के लिए 7 जनवरी 2019 को लाइसेंस प्रदान करने पर फिर एक बार यहां से हवाई सेवा शुरू होने की उम्मीद जगी थी। विमान सेवा के लिए राज्य सरकार व केंद्रीय गैरसामरिक विमान सेवा मंत्रालय तथा राउरकेला इस्पात संयंत्र के साथ समझौता हुआ था। इसके बाद भुवनेश्वर और जयपुर के बीच एयर ओडिशा की विमान सेवा शुरू हुई थी पर आवश्यक संसाधन एवं सुविधा नहीं होने से इसे बंद कर दिया गया जो अबतक शुरू नहीं हो पाई है। वीर सुरेंद्र साय एयरपोर्ट, झारसुगुड़ा से उड़ान आरंभ होने के बाद राउरकेला से भी इसकी शुरुआत होने की उम्मीद है पर अब तक उड़े देश का आम नागरिक उड़ान योजना का लाभ शहर वासियों को नहीं मिल पाया है। राउरकेला में राउरकेला इस्पात संयंत्र, एनआइटी, बीपीयूटी, मेडिकल कालेज के अलावा छोटे बड़े संयंत्र हैं जिनमें देश विदेश से लोगों का आना जाना होता है। उड़ान सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।