श्रम कानून परिवर्तन के खिलाफ ट्रेड यूनियन एकजुट
केंद्र व राज्य सरकार की ओर से काम की अवधि 8 घंटे की जगह 12 घंटे कराने के निर्देश समेत विभिन्न मांगों को लेकर श्रमिक संगठनों की ओर से आंदोलन का निर्णय लिया गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : केंद्र व राज्य सरकार की ओर से काम की अवधि 8 घंटे की जगह 12 घंटे कराने के निर्देश समेत विभिन्न मांगों को लेकर श्रमिक संगठनों की ओर से आंदोलन का निर्णय लिया गया है। बुधवार को सेक्टर-16 श्रमिक भवन में संयुक्त ट्रेड यूनियन की बैठक सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विष्णु महंती की अध्यक्षता में हुई। इसमें 22 मई को अखिल भारतीय प्रतिवाद दिवस मनाने की रणनीति पर चर्चा की गई। जिले भर में प्रदर्शन करने के साथ ही उनकी प्रतिमा के समक्ष धरना दिया जाएगा।
लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिक फंसे हुए हैं एवं उनकी सुरक्षित वापसी नहीं हो पा रही है। 12 करोड़ 20 लाख से अधिक श्रमिकों ने रोजगार खोया है। केवल ओडिशा के ही 45 लाख से अधिक श्रमिक बेरोजगार हो गये हैं। उनके पास खाने व रहने के लिए पैसे नहीं हैं। सरकार की ओर से सभी लोगों तक भोजन पहुंचाने का दावा किया जा रहा है पर यह केवल दिखावा साबित हो रहा है। श्रमिक वर्ग के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसी हालत में सरकार की ओर से काम करने की अवधि 8 घंटे की जगह 12 घंटे करने का निर्देश जारी किया गया है जो अलोकतांत्रिक है। सीटू, इंटक, एटक, सियर, गांगपुर मजदूर मंच समेत अन्य संगठनों के नेताओं ने आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठनों की ओर से काम के घंटे बढ़ाने के निर्देश को वापस लेने, श्रमिकों को मुफ्त में दस किलो चावल व गेहूं देने, प्रत्येक के बैंक खाते में तीन महीने तक 7,500 रुपये भेजने, लॉकडाउन की अवधि का पूरा वेतन प्रदान करने, निर्माण श्रमिकों को तीन महीने तक मासिक 7,500 रुपये प्रदान करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर 22 मई को राउरकेला, रक्सी, बणई, कलुंगा, कुआरमुंडा, सुंदरगढ़ समेत अन्य स्थानों में प्रदर्शन किया जाएगा। बैठक में जार्ज तिर्की, प्रशांत बेहरा, शशधर नायक, प्रदोष महंती, अजीत नायक, विमान माइती, जहांगीर अली, बसंत नायक,सदानंद साहू, राजकिशेार प्रधान, श्रीमंत बेहरा, सुभाष दंडपाट, निहार दास, सुरेन्द्र दास, डीएन आचार्य, प्रभात महंती, विश्वजीत माझी आदि लोगों ने अपने विचार रखे।