सतत विकास पर ध्यान केंद्रित रखें इंजीनियर्स : सीईओ
राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) और इंस्टिट्यूशन ऑ़फ इंजिनीर्यस (इंडिया) राउरकेला शाखा द्वारा सिविक सेंटर में आयोजित 52 वें इंजीनियर्स डे समारोह को संबोधित करते हुए आरएसपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक चट्टराज ने कहा कि इंजीनियरों को और अधिक उत्तरदायी रूप से पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को विकसित करने और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित विद्वान राजनेता और भारत के महानतम इंजीनियरों में से एक भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मोत्सव को पूरे देश में इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) और इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) राउरकेला शाखा द्वारा सिविक सेंटर में आयोजित 52वें इंजीनियर्स डे समारोह को संबोधित करते हुए आरएसपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक चट्टराज ने कहा कि इंजीनियरों को और अधिक उत्तरदायी रूप से पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को विकसित करने और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। प्रतिष्ठित विद्वान, राजनेता और भारत के महानतम इंजीनियरों में से एक भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मोत्सव को पूरे देश में इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिग के अध्यक्ष और आरएसपी के पूर्व प्रबंध निदेशक डॉ. सनक मिश्रा उपस्थित थे। महाप्रबंधक सेवाएं और राउरकेला शाखा के चेयरमैन सीआर महापात्र और शाखा के सचिव एनआइटी के प्रोफेसर एच जेना भी मंचासीन थे। इस वर्ष के समारोह के मूल विषय इंजीनियरिग फॉर चेंज याने परिवर्तन के लिए इंजीनियरिग पर बोलते हुए सीईओ चट्टराज ने पहियों के युग से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक इंजीनियरिग प्रौद्योगिकी के विकास के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इंजीनियर समाज के विकास के संदर्भों को परिभाषित करते हैं। इस पर जोर देते हुए सीईओ चट्टराज ने ज्ञान आधारित वैश्विक समाज के इस दौर में इंजीनियरों के लिए आयी चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इंजीनियरिग शिक्षा, अनुसंधान और इस पेशे के लिए व्यापक दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता पर जोर देने के लिए आग्रह किया।
डॉ. सनक मिश्रा ने अपने जीवन के प्रेम के रूप में परिभाषित किया। अपने सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने आरएसपी और राउरकेला के विकास का बखान किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आरएसपी आने वाले दिनों में ऊंचे शिखर की बुलंदियों को छूएगा। वैज्ञानिक व्युत्पत्तियों, दार्शनिक विश्लेषण और दिलचस्प उपाख्यानों के माध्यम से मिश्रा ने ज्ञान के पदानुक्रम विषय पर एक प्रस्तुति दी। ज्ञान के चार रूप, डेटा, सूचना, ज्ञान और समझ पर विस्तार से बताते हुए समझाया कि समझ या प्रज्ञा क्यों और कैसे ज्ञान का उच्चतम स्वरूप मन जाता है।
इसके बाद आयोजित बातचीत सत्र में उन्होंने श्रोताओं के सवालों का जवाब भी दिया। इस अवसर पर आरएसपी सीईओम दीपक चट्टराज ने मिश्र को सम्मानित किया। उन्होंने राउरकेला फैब्रिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के एमडी उदय ए पटेल को उत्कृष्ट लेखन प्रस्तुति के लिए पुरस्कृत किया । जबकि बेस्ट मैकेनिकल इंजीनियरिग ग्रेजुएट के लिए मोहित मोदी को स्वर्ण पदक प्रदान किया।
इस मौके पर कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन राज वीर सिंह, कार्यपालक निदेशक वर्क्स गौतम बनर्जी, कार्यपालक सामग्री प्रबंधन डीके महापात्र और बड़ी संख्या में आरएसपी के वरिष्ठ अधिकारी, एनआइटी, राउरकेला के प्रोफेसर और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) राउरकेला स्थानीय केंद्र के सदस्य और पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। एनआइटी राउरकेला की पीएचडी की छात्रा छबी सुर्येंदु ने संचालन किया।