बिजली बिल बकाया, लाखों की पेयजल योजना बेकार
गोपबंधुपल्ली में पेजयल समस्या के समधान के लिए हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पाेरेशन लिमिटेड भारत पेट्रोलियम तथा इंडियन आयल कार्पोरेशन की ओर से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से छह डीप बोर वेल मोटर पंप 15 से 20 हजार लीटर क्षमता वाले ओवर हैड टंकी लगाने के साथ ही घर-घर तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाने का काम छह साल पहले किया गया था। बिजली बिल अधिक होने व देखरेख के अभाव में दो योजना बेकार हो गयी हैं जबकि अन्य की हालत भी कुछ अच्छी नहीं है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : गोपबंधुपल्ली में पेजयल समस्या के समाधान के लिए हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पाेरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम तथा इंडियन आयल कार्पोरेशन की ओर से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से छह डीप बोर वेल, मोटर पंप, 15 से 20 हजार लीटर क्षमता वाले ओवर हैड टंकी बनाने के साथ घर-घर पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाने का काम छह साल पहले किया गया था। बिजली बिल अधिक होने व देखरेख के अभाव में दो योजना बेकार हो गयी है जबकि अन्य की हालत भी कुछ अच्छी नहीं है।
गोपबंधुपल्ली व टिबर कॉलोनी क्षेत्र की 20 हजार से अधिक आबादी को गर्मी आते ही पेयजल की घोर किल्लत का सामना करना पड़ रहा था। जलस्तर नीचे जाने के कारण सामान्य नलकूप बेकार साबित हो रहे थे। समस्या से निपटने के लिए सांसद जुएल ओराम के प्रयास से टिबर कॉलोनी में दो डीप बोर वेल खोदे गए एवं पाइप लाइन से जोड़कर स्टैंड पोस्ट के जरिये पानी की आपूर्ति शुरू हुई। आइओसीएल की मदद से निर्मित ओवर हैड टंकी से भी डेढ़ सौ से अधिक परिवारों तक पानी पहुंचाया गया जो अब तक ठीक ठाक चल रहा है। बस्ती में बीपीसीएल की ओर से पुलिस चौकी के पास तथा अमरनाथ बस्ती में दो योजनाओं का काम शुरू किया गया। इनके द्वारा केवल डीप बोर कर मोटर के जरिए टंकी तक पहुंचाया गया पर घर-घर पानी पहुंचाने का अधूरा छोड़ दिया गया। एचपीसीएल की ओर से तेलीपाड़ा तथा लोहरापाड़ा सोनारपट्टी क्षेत्र के लोगों के लिए करीब पचास लाख से अधिक की लागत से निर्मित योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी महिला एसएचजी को दी गयी। इनमें लगे मोटर में बार बार खराबी, बिजली बिल के अधिक होने आदि कारणों से इनका संचालन संभव नहीं हुआ। तीन साल से अधिक समय से रखरखाव न होने तथा बंद पड़े होने के कारण एचपीसीएल की परियोजना बेकार हो गयी हैं। गोपबंधुपल्ली के इस इलाके में अमृत योजना का पाइप कनेक्शन नहीं होने के कारण लोगों को अब पानी के लिए दूसरी बस्तियों में जाना पड़ रहा है।