रत्न सिंहासन पर विराजे महाप्रभु जगन्नाथ
स्नान पूर्णिमा से शुरू प्रभु जगन्नाथ की विधि पूजा सोमवार की शाम को उनके रत्न सिंहासन पर भाई बहन संग विराजमान होने के साथ संपन्न हो गई।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : स्नान पूर्णिमा से शुरू प्रभु जगन्नाथ की विधि पूजा सोमवार की शाम को रत्न सिंहासन पर उनके भाई बहन संग विराजने के साथ संपन्न हो गई। रथयात्रा के साथ प्रभु के मौसी मां के घर जाने तथा वहां से बाहुड़ा यात्रा के लौटने और अपने रत्न सिंहासन पर विराजमान होने के 12 दिनों की विधि पूजा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। जगन्नाथ मंदिर और गुंडिचा मंदिरों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
सेक्टर-3 जगन्नाथ मंदिर में महाप्रभु के रत्न सिंहासन पर विराजमान करने के लिए सोमवार को सुबह ही पूजा-अर्चना शुरू हो गई। शाम को पहंडी बिजे के साथ महाप्रभु को 22 सीढि़यां चढ़ाकर मंदिर तक पहुंचाया गया। इस दौरान प्रभु जगन्नाथ और मां लक्ष्मी के बीच झड़प की रस्म भी पूरी की गई। रात को करीब 11 बजे प्रभु जगन्नाथ को भाई बहन संग रत्न सिंहासन पर विराजमान किया गया। कोयलनगर जगन्नाथ मंदिर में भी शाम सात बजे से रत्न सिंहासन पर विराजमान करने का कार्यक्रम शरू हुआ। इस मौके पर यहां श्री साईं कला परिषद की ओर से भजन कार्यक्रम हुआ। मंदिर कमेटी की ओर से भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। प्लांट साइट जगन्नाथ मंदिर में अपराह्न साढ़े तीन बजे श्रीजगन्नाथ द्वारा लक्ष्मी को मनाने की रस्म पूरी की गई। इसके पश्चात तीनों विग्रहों को रत्न सिंहासन पर विराजमान किया गया। पुजारी मधुसूदन पंडा व पांच सहयोगियों ने यहां पूजा अर्चना की। नीलकंठेश्वर मंदिर ट्रस्ट की ओर से भी प्रभु जगन्नाथ को रत्न सिंहासन पर विराजमान किया गया। हनुमान वाटिका, बसंती कालोनी, छेंड कॉलोनी, पानपोष, वेदव्यास, झीरपानी, सेक्टर-1, तुमकेला, बंडामुंडा, टिबर कॉलोनी, नया बाजार समेत शहर व आसपास के जगन्नाथ मंदिरों में प्रभु को रत्न सिंहासन पर विराजमान विधि पूजा का समापन किया गया।