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ऑटोरिक्शा चालकों ने पांच घंटे बंद रखी सेवा

ऑटो ड्राइवर संघ राउरकेला स्टेशन के बैनर तले ऑटोरिक्शा चालकों ने मंगलवार को आरपीएफ पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए सेवा बंद रखी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 10:01 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 10:01 PM (IST)
ऑटोरिक्शा चालकों ने पांच घंटे बंद रखी सेवा
ऑटोरिक्शा चालकों ने पांच घंटे बंद रखी सेवा

जागरण संवाददाता, राउरकेला: ऑटो ड्राइवर संघ, राउरकेला स्टेशन के बैनर तले ऑटोरिक्शा चालकों ने मंगलवार को आरपीएफ पर मनमानी करने का आरोप लगाकर सेवा बंद रखी। चेकिग के नाम पर बिना रसीद जुर्माना वसूलने समेत मारपीट करने का आरोप भी संघ ने लगाया है। सुबह छह बजे से दिन के 11 बजे तक चले ऑटोरिक्शा चालकों के इस आंदोलन से विभिन्न ट्रेनों से आने वाले सैकड़ों यात्रियों को सवारी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। हालांकि इस दौरान यात्रियों में शामिल मरीजों के लिए सेवा मुहैया रही। करीब पांच घंटे बाद संघ के प्रतिनिधियों को आरपीएफ अधिकारी से समुचित समाधान करने का भरोसा मिलने के बाद ऑटोरिक्शा सेवा शुरू हुई।

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संघ से जुड़े प्रकाश कुमार प्रसाद, रवि दे, चुनमुन तिवारी, पीके दास आदि का आरोप है कि स्टेशन में कुल 130 ऑटोरिक्सा चालक हैं। जो यात्रियों को सेवा प्रदान कर अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं। ट्रेन से आने वाले यात्रियों को लेने के लिए वे लोग स्टेशन के पास कतार में गाड़ी लगाते हैं। लेकिन अक्सर आरपीएफ के जवानों द्वारा वहां से हटाने के नाम पर मारपीट करने समेत अपराधियों जैसा बर्ताव किया जाता है। यहां तक कि इसे लेकर पांच सौ से 1000 रुपये तक का जुर्माना भी ठोक दिया जाता है जिसकी रसीद तक नहीं दी जाती। संघ प्रतिनिधियों ने बताया कि चालक मुश्किल से दिन में कुछ रुपये कमाते हैं, यदि वे फाइन ही 500 से 1000 रुपये तक देंगे तो उनका घर-परिवार कैसे चलेगा। रोज-रोज आरपीएफ की मनमानी व बदसलूकी के मददेनजर पांच घंटे सेवा बंद करनी पड़ी। इसके बाद आरपीएफ पोस्ट में संघ के प्रतिनिधियों को बुलाकर बातचीत की गयी और नियमानुसार कार्रवाई होने का भरोसा दिया गया है। चालकों को कहा गया है कि वे अपने स्टैंड में ही रहेंगे तथा वहां से ही यात्रियों को लेकर जाएंगे। लेकिन बदसलूकी व बिना रसीद के फाइन वसूली के मुद्दे पर आरपीएफ का जवाब गोलमाल रहा।

अधिकारियों के निर्देश पर होती है कार्रवाई

स्टेशन के पास ऑटोरिक्शा चालक जहां खड़े रहते हैं, वह यात्रियों को छोड़ने के लिए ड्रापिग लाइन है। इस लाइन पर ऑटो खड़े होने से यात्रियों को परेशानी होती है और उनकी शिकायत पर चालकों को वहां से हटाया जाता है। स्टेशन परिसर में जाकर भी यात्रियों को लेने की होड़ होती है। आला अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई होती है। रही बात बदसलूकी व बिना रसीद फाइन लेने, इसकी शिकायत मिलने से कार्रवाई होगी।

- सुधीर कुमार, प्रभारी, आरपीएफ पोस्ट, राउरकेला।


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