सोना वेश में महाप्रभु के दर्शन को उमड़े भक्त
महाप्रभु जगन्नाथ बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के साथ मौसीबाड़ी से बाहुड़ा यात्रा में वापस जगन्नाथ् मंदिर लौटने के बाद शनिवार को शाम उनका सोना वेश किया गया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : महाप्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के साथ मौसीबाड़ी से बाहुड़ा यात्रा में वापस जगन्नाथ मंदिर लौटने के बाद शनिवार की शाम उनका सोना वेश किया गया। महाप्रभु के इस स्वरूप का दर्शन-पूजन करने के लिए भक्तों का भीड़ उमड़ पड़ी। सेक्टर-3 अहिराबंध मंदिर के पास तीनों रथ में आरुढ़ विग्रहों के सोना वेश का भक्तों ने देर रात तक दर्शन-पूजन किया। मान्यता है कि श्रीजगन्नाथ का सोना वेश दर्शन करने से पुण्य प्राप्त होता है। इस परिपेक्ष्य में बड़ी संख्या में लोगों ने महाप्रभु के इस स्वरूप का दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया। इससे पूर्व रीति-नीति के अनुसार सुबह रथ पर तीनों विग्रहों की सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा, अवकाश, बाल्य भोग, चूड़ा घषा भोग अर्पण के बाद शाम के 4.30 बजे देवी देवताओं के सोना वेश स्वरूप की प्रक्रिया शुरू हुई और शाम सात बजे से दर्शन कार्यक्रम आरंभ हुआ जो देर रात तक चला। इस कार्यक्रम का शुभारंभ आरएसपी के ईडी दिलीप महापात्र ने महाप्रभु का दर्शन-पूजन कर किया। पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरिजाशंकर द्विवेदी की देखरेख में चले इस कार्यक्रम में पदाधिकारी, दइतापति, सेवायतों की महती भूमिका रही। इस अवसर पर पंडित जीतू दास ने प्रवचन किया।