Move to Jagran APP

आरएस में सामूहिक प्रयासों से 80 लाख बचत

राउरकेला इस्पात संयंत्र में उत्पादन की लागत को कम करने पर

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 11:57 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jul 2019 06:44 AM (IST)
आरएस में सामूहिक प्रयासों से 80 लाख बचत
आरएस में सामूहिक प्रयासों से 80 लाख बचत

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र में उत्पादन की लागत को कम करने पर जोर दे रहा है ताकि एनएसआर में हो रही कमी और चुनौतीपूर्ण बाजार के प्रभाव को कम किया जा सके। जहां प्रमुख उत्पादन इकाइयों में उत्पादन में नई ऊंचाईयों को छू रही हैं और उत्पादकता और तकनीकी-अर्थशास्त्र में सुधार कर रही हैं, वहीं सेवा विभाग भी अपने अभिनव प्रयासों के माध्यम से पर्याप्त बचत प्राप्ति में सफलता हासिल कर रहा है।

loksabha election banner

रिपेयर शॉप (मैकेनिकल) सामूहिक द्वारा एक प्रमुख उपकरण की सफल मरम्मत और ओवरहालिग इस तरह के प्रयासों का एक और उदाहरण है। इन-हाउस संसाधनों और विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए सामूहिक रूप से स्टील मेल्टिग शॉप -1 की टनडिश कार के एलएचएफ साइड लिफ्टिग बॉल स्क्रू ड्राइव का नवीनीकरण किया गया। स्क्रू ड्राइव (एलएचएफ साइड) का ब्रेकडाउन हो गया था, जो कि वर्टीकल अपवर्ड दिशा में बॉक्स नट की ओवर ट्रावेल के कारण टूटी हुई टॉप लॉक प्लेट और 4 बोल्ट्स और 25 बॉल बहार आ रही थी। क्षतिग्रस्त बॉल स्क्रू गियर बॉक्स को अति कम समय में आरएस(एम) की शॉप में मरम्मत और ओवरहॉल किया गया ढ्ढ स्क्रू से स्पीडेल के साथ बॉल स्क्रू नट को हटाने के बाद, यह पाया गया कि 81 बॉल में से कुछ क्षतिग्रस्त और खराब हो गया था। साथ ही लूप लाइन के सभी तीन बॉल रिटर्न ट्यूब बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे क्योंकि परिणामस्वरूप बॉल असेंबल से बाहर आ गई थी। बॉल के प्रतिस्थापन की सुविधा के लिए समूह ने स्लीव का डिजाइन कर उसे घरेलू संसाधनों से बनाया। गाइड बॉल के दोनों किनारों पर बॉल की फ्री मूवमेंट सुनिश्चित करने के लिए क्षतिग्रस्त बॉल रिटर्न ट्यूबों की मरम्मत की गई और उन्हें जमीन लगाया गया। स्क्रू स्पिडल के क्षतिग्रस्त रास्तों की भी मशीनीकरण की गई और साथ ही लॉक प्लेट और नॉट की भी मरम्मत की गई। स्क्रू स्पिडल के साथ नई बॉल और बॉक्स नट से एक मॉक असेंबली की गई। फिर स्क्रू स्पिडल के साथ अंतिम असेंबली वर्टीकल तौर से किया गया। बिना किसी लोड के साथ जांच की गई और सफल पाया गया। इस उद्यमी प्रयास से कंपनी को लगभग 60 लाख रुपये की वित्तीय बचत हुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.