जंगल जमीन पर अधिकार को लेकर सुनवाई शुरू
जंगल जमीन पर अवैध तरीके से रह रहे आदिवासियों को बेदखल क
जागरण संवाददाता, राउरकेला : जंगल जमीन पर अवैध तरीके से रह रहे आदिवासियों को बेदखल करने का सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी किया है। जिस पर देश भर के आदिवासियों ने अपना पक्ष रखने के लिए आवेदन दिया था। उन आवेदन की ठीक से जांच नहीं करने के कारण सुंदरगढ़ जिले के 16 हजार से अधिक आवेदन रद कर दिए गए हैं।
इस पर पुनर्विचार के लिए आंचलिक सुरक्षा कमेटी तथा सुंदरगढ़ जिला आदिवासी मूलवासी बचाओ मंच की ओर से जिलापाल को ज्ञापन देकर अनुरोध किया गया था। अनुसूचित जाति व जनजाति व अन्य पारंपरिक जंगल अधिकार स्वीकृति कानून संशोधन नियमावली अनुसार दाखिल या रद आवेदनों पर विचार के लिए उपजिलापाल व अध्यक्ष अनुमंडल स्तरीय कमेटी पानपोष विश्वजीत महापात्र की अध्यक्षता में कमेटी ने आवेदनों की जांच शुरू की है। सोमवार को आइटीडीए हॉल में लाठीकटा ब्लाक के एक हजार से अधिक आवेदनों पर सुनवाई हुई।
आंचलिक सुरक्षा कमेटी के अध्यक्ष डेमे ओराम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर स्थगन आदेश जारी हुआ था जिसकी अंतिम तारीख 12 जुलाई 2019 है। इसके बाद जंगल जमीन पर अवैध रूप से रह रहे लोगों को बेदखल करने की कार्रवाई शुरू होगी। 19 व 20 जून को बिसरा ब्लाक कार्यालय में एक हजार से अधिक आवेदनों पर सुनवाई होगी। इसमें बराहबांस के 47, बीरकेरा के 116 आवेदन शामिल हैं। इसी तरह क्रमवार अलग- अलग ब्लाक में आवेदनों पर सुनवाई होगी।
सुनवाई का होगा विरोध : आंचलिक सुरक्षा कमेटी के अध्यक्ष डेमे ओराम ने बताया कि रद आवेदनों पर प्रशासन की ओर से सुनवाई का तरीका ठीक नहीं है। केवल ऊपरी तौर पर सुनवाई होने के कारण बड़ी संख्या में आवेदन फिर से रद हो जाएंगे। इस कारण इस सुनवाई का विरोध किया जाएगा। कोर्ट के निर्देश के अनुसार कार्रवाई होने पर भी आंदोलन होगा।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप