एक हजार रुपये के लिए नाबलिग को बनाया बंधक
ओडिशा में एक हजार रुपये का किश्त न देने पर नाबालिग बेटी को बंधक बनाने का मामला सामने आया है।
राउरकेला, जेएनएन। स्वयं सहायता समूह से ऋण लेने के बाद एक हजार रुपये का किश्त नहीं देने पर समूह की महिला सदस्य की नाबालिग बेटी को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में कांसबहाल थाना एवं शिशु सुरक्षा अधिकारी से लिखित शिकायत की गई है। कांसबहाल पुलिस चौकी अंतर्गत सीकाजोर गांव की 38 वर्षीय आश्रिता कंडूलना ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह सीकाजोर एसकेएस स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं।
समूह में कुल 11 सदस्य हैं। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आश्रिता ने समूह से दो किश्त में 70 हजार रुपये ऋण लिए हैं एवं प्रति माह एक हजार रुपये के हिसाब से वह भुगतान कर रही है। सोमवार को वह इस महीने का एक हजार रुपये किश्त नहीं चुका पाई। जिसे लेकर समूह की अन्य दस सदस्यों ने न सिर्फ उसके साथ गाली गलौज और मारपीट की बल्कि उसकी 12 साल की बेटी को भी बंधक बना लिया। उन लोगों ने कहा कि जब तक वह एक हजार रुपये नहीं देगी, तब तक उसकी बेटी उनके कब्जे में रहेगी।
आश्रिता ने बेटी को बंधक बनाकर उसे शारीरिक व मानसिक यातना देने का भी आरोप लगाया है। बुधवार को एक हजार रुपये देने के बावजूद बेटी को नहीं छोड़े जाने पर अश्रिता ने पुलिस से इसकी शिकायत की साथ ही शिशु सुरक्षा अधिकारी को भी इसकी सूचना दी है। हो गया समाधान दोनों पक्ष को थाना बुलाकर इस मामले का समाधान कर लिया गया है। दूसरे पक्ष ने रुपये के लिए नाबालिग को बंधक बनाने से इन्कार किया है, फिलहाल वह अपनी मां के साथ है। - विदेशी बाग, कांसबहाल पुलिस चौकी अधिकारी।
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