बणई के किसान औने-पौने दाम में धान बेचने को विवश
बणई अनुमंडल में खरीफ फसल के समय पंजीकृत सभी किसानों से सरकार धान नहीं खरीद सकी।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : बणई अनुमंडल में खरीफ फसल के समय पंजीकृत सभी किसानों से सरकार धान नहीं खरीद सकी। इस कारण किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम में अपनी उपज बेचने को विवश हो रहे हैं। अनुमंडल के 1630 किसानों का 98 हजार क्विंटल धान की खरीद सरकारी दाम पर नहीं हो सकी।
खरीफ धान की बिक्री के लिए बणई अनुमंडल के बांकी, गुरुंडिया, जर्डा, सोल, बणईगढ़, सरसरा, रुगुड़ा, लहुणीपाड़ा, खुटगांव, महुलपादा, बिमलागढ़, जामूडीह,, कोइड़ा लैंपस के जरिये 9049 किसानों ने धान पंजीकरण कराया था। सरकार के द्वारा पहले चरण में धान की बिक्री के लिए टोकन दिया गया एवं इसके जरिये धान खरीदा गया। इस व्यवस्था का संचालन ठीक तरह से नहीं होने के कारण पंजीकृत किसानों में से 7419 किसान 4,06,55 क्विंटल धान बेच सके। शेष 1630 किसान जिनके पास 98671 क्विंटल धान पड़ा है वे नहीं बेच पाए सरकार की ओर से प्रति क्विंटल 1830 रुपये निर्धारित किया गया है पर बिचौलिये मात्र 1400 रुपये प्रति क्विंटल के दर से खरीद रहे हैं। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। कोरोना संक्रमण काल में किसान ऐसे ही आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं। उन्हें सरकारी सुविधा नहीं मिलने के कारण धान का उचित दाम भी नहीं मिल पा रहा है जिससे इस साल खरीफ फसल की खेती करने में उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।