Chandan Yatra: पुरी में इस बार भी बिना भक्तों के होगी जगन्नाथ महाप्रभु की चंदन यात्रा
Chandan Yatra इस साल भी महाप्रभु जगन्नाथ की चंदन यात्रा बिना भक्तों की होगी। पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। इस चंदन यात्रा में कितने सेवक रहेंगे उसकी सूची बनाई जा रही है।
पुरी, जागरण संवाददाता। Chandan Yatra: कोरोना महामारी संक्रमण को रोकने के लिए 19 मई तक राज्य सरकार ने लॉकडाउन घोषित किया है, ऐसे में इस साल भी महाप्रभु जगन्नाथ की चंदन यात्रा बिना भक्तों के होगी। पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। इस चंदन यात्रा में कितने सेवक रहेंगे, उसकी सूची बनाई जा रही है। कितने सेवकों को लेकर चंदनयात्रा नीति पूरी हो पाएगी उस संदर्भ मे पुरी के जिलाधीश की सेवकों के साथ बैठक कर निर्णय लिया जाएगा। पिछले साल सभी प्रकार की तैयारी संपन्न होने के बावजूद जिला प्रशासन ने अंत में इस यात्रा को बंद कर दिया था। इस साल यात्रा में भले ही देरी हुई है, परन्तु परंपरा को बचाए रखने के लिए पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की तरफ हर संभव कोशिश की जा रही है।
जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक ने कहा है कि संक्रमण को रोकने के लिए हम हर संभव प्रतिबंध लगाएंगे, किन्तु किसी भी परिस्थिति में परंपरा को बंद नहीं किया जाएगा। पुरी जगन्नाथ मंदिर के सेवक भी यही बात कह रहे हैं। किसी भी परिस्थिति में परंपरा को नहीं तोड़ा जाएगा। सेवकों का कहना है कि जो भी प्रतिबंध लगाना है, लगाया जाए, मगर चंदन यात्रा जगन्नाथ मंदिर से बाहर की जाए। नरेन्द्र सरोवर में महाप्रभु का नौका विहार (चाप खेल) संपन्न करने की बात जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की बैठक में सेवकों ने अपना मत दिया है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पुरी जिले के सभी धर्मानुष्ठान को बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने 15 मई तक मंदिर, चर्च, मस्जिद आदि तमाम धर्मानुष्ठान को बंद रखने का निर्णय लिया है। इन धर्मानुष्ठानों में केवल रीति नीति का पालन किया जाएगा, भक्तों के प्रवेश पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। 15 मई के बाद उस समय की स्थिति को देखकर पुन: आगे का निर्णय लिए जाने की जानकारी पुरी के उप जिलाधीश भव तारण साहू ने दी है। इससे पहले पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से पुरी जगन्नाथ मंदिर को 15 मई तक बंद कर दिया गया है। कोरोना प्रकोप को देखते हुए पुरी जगन्नाथ मंदिर को 15 मई तक बंद करने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। इस समय के दौरान जगन्नाथ मंदिर में किसी भी भक्त को जाने की अनुमति नहीं है। महाप्रभु की रीति नीति याथवात चल रही है। कोरोना की दूसरी लहर में जगन्नाथ मंदिर के कई सेवक, कर्मचारी संक्रमित हुए हैं।आगे की स्थिति अधिक गंभीर हो सकती है। ऐसे में श्रीजी की नीति प्रभावित ना होने पाए, इसके लिए भक्तों को जगन्नाथ मंदिर को बंद करने का निर्णय जगन्नाथ मंदिर प्रशासन की तरफ लिया गया है।