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श्रीमंदिर के गुंबद से पत्थर गिरा, पंडा घायल

By Edited By: Published: Tue, 09 Oct 2012 02:54 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2012 02:55 PM (IST)

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भारत के चार धामों में से एक पुरी स्थित श्रीमंदिर के 214 फीट ऊंचे गुंबद से पत्थर का टुकड़ा टूटकर गिरने से देवी प्रसाद पंडा नामक सेवायत घायल हो गए। उन्हें तत्काल जिला मुख्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। हालांकि अब उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जाती है।

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बताया गया कि श्रीमंदिर के गुंबद से जिस समय पत्थर का टुकड़ा नीचे गिरा, उस समय सेवायत देवी प्रसाद पंडा भक्तों को भगवान जगन्नाथ के दर्शन करा रहे थे। लगभग 15 किलोग्राम वजन के बताया जा रहा पत्थर का टुकड़ा पंडा के सिर पर गिरा। इससे वे बुरी तरह घायल हो गए। उन्हें तत्काल पुरी जिला मुख्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।

गौरतलब है कि वर्ष 2011 के नवंबर में भी श्रीमंदिर में इसी तरह की घटना घटी थी। उस दिन भी श्रीमंदिर के गुंबद से पत्थर का एक टुकड़ा टूटकर नीचे गिरा था। चिंता की बात यह है कि श्रीमंदिर प्रशासन, चोल वंश के प्रतापी राजा चोल गंगदेव द्वारा 12वीं सदी में निर्मित इस प्राचीन मंदिर की जीर्ण दशा सुधारने के प्रति लापरवाही बरत रहा है। मंदिर के गुंबद के टूटने की इस तरह की लगातार होती घटनाओं से श्रीमंदिर के अस्तित्व के साथ-साथ सेवायतों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहा है।

हालांकि श्रीमंदिर के पंडों में इस तरह की घटनाओं को लेकर किसी तरह का भय नहीं है। सेवायत निर्भीकता से बताते हैं कि जब भगवान जगन्नाथ हर साल अपनी विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा पर निकलते हैं, तो भक्तगण रथ की ओर नारियल आदि फेंकते हैं, जो भगवान की सेवा कर रहे सेवायतों को घायल कर देता है। लहूलुहान सेवायत अपने पास प्रसाद के रूप में केला रखते हैं। इस केले को चोट से प्रभावित अंग पर लगाकर सेवायत दिनभर प्रभु की सेवा करते रहते हैं। इसलिए सेवायत भगवान के सहारे निर्भीक रहते हैं।

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