लोकवाणी व उत्कलीय जीवन पर कार्यशाला
पुरी, जागरण संवाददाता
श्रीजगन्नाथ संस्कृत विश्व विद्यालय परिसर में ओड़िआ भाषा और साहित्य को लेकर लोकवाणी और उत्कलीय जीवन दर्शन पर एक कार्यशाला सम्पन्न हुई है। इतिहास के अध्यापक रमाकान्त त्रिपाठी तथा विश्व विद्यालय के छात्र-छात्राओं के सहयोग से सम्पन्न इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. डा.नीलकण्ठ पति योगदान पूर्वक ओड़िशा के संस्कृति व ऐतिह्यं के साथ उत्कलीय संस्कृति के समन्वय प्रतियोगिता और सृजन शक्ति पर टिप्पणी किए। मुख्य वक्ता के रूप में गवेषक डा.देवराज पण्डा ने लोकवाणी और उत्कलीय जीवन दर्शन पर विवरण प्रदान किया। विश्वविद्यालय के अद्वेत वेदांत विभाग के मुख्य प्रो.डा.प्रभात रंजन महापात्र ने अध्यक्षता किया। वेद व्यास स्थित गुरुकुल संस्कृत महाविद्यालय के वरिष्ठ इतिहास अध्यापक डा.उमाकान्त पण्डा संचालक थे। दूसरे अधिवेशन में श्याम सुन्दर संस्कृत महाविद्यालय के अध्यापिका डा.जयश्री षड़ंगी के अध्यक्षता में लोकवाणी और जीवन दर्शन पर अध्यापक निरंजन बेहेरा, कृपासिंधु नायक, जयश्री षड़ंगी, विजयानंद शतपथी, फकीर मोहन चंपति, अध्यापिका इंदिरा शुभदर्शिनी अपना अपना मतदान किए। अन्त में अध्यापक प्रताप कुमार महापात्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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