सेवा में नहीं होती प्रतियोगिता एवं प्रतिद्वंदिता
पुरी, जागरण संवाददाता
सेवा एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें प्रतियोगिता एवं प्रतिद्वंदिता नहीं होती है। उत्सर्गित त्याग का मनोभाव हृदय में हो तो समाज का कल्याण होता है। पीड़ितों की वेदना में कमी आती है और सबके चेहरे पर मुस्कान फैल जाती है। असहाय को सहायता और साहस मिलता है। अज्ञान जागरूक होते हैं, इसी कारण मानव सेवा को ईश्वर की सेवा के साथ तूलना की जाती है। सेवा के लिए संवेदनशीलता और उच्च आकंक्षा की जरूरत होती है। शहरांचल बस्ती में रहने वाले और सुदूर ग्रामवासियों के विकाश से लेकर सामाजिक जागरूकता, स्वास्थ्य सेवा, गरीब को कानूनी सहायता देने की प्रक्रिया से लेकर स्वावलम्बन पाने के लिए रोजगार मूलक शिक्षा प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार की सेवा कार्यक्रम में नियोजित अनुष्ठान में एक प्रख्यात नाम है -सुधा-। पिछले 6 साल से यह अग्रणी स्वेच्छासेवी संगठन विभिन्न क्षेत्रो में उल्लेखनीय सेवा कार्य कर रहा है। अनुष्ठान के कार्यक्रम की गतिविधियों में हरदम एक सेवा की भावना बढ़ती आई है। पुरी शहर की बस्ती व ग्रामांचल के बच्चे, वृद्ध एवं महिलाओं को जीवन जीविका की उन्नति, स्वास्थ्य सेवा आदि सर्वांगीण विकाश एवं कानूनी सहायता प्रदान करने के साथ साथ राज्य स्तरीय विभिन्न गठनमूलक कार्य में नियोजित रहता है।
पुरी शहर के बस्ती एवं ग्रामांचल में रहने वाले शिशु, महिला व वृद्ध के जीवन जीविका की उन्नति, स्वास्थ्य सेवा के विकाश एवं जरूरत के समय में कानून सहायता जैसे कई कार्य में नियोजित है। इस राज्य स्तरीय स्वेच्छासेवी संगठन -सुधा- बस्ती एवं ग्रामांचल में रहने वाले गरीब, दुखी महिलाओं के लिए आर्थिक अवस्था में सुधार लाने के लिए रोजगार मूलक प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की है। प्रशिक्षण के बाद हिताधिकारियों को कुशल कारीगर के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है। सिलाई, चांदुआ, खण्डीपथर वाश कार्य आदि विभिन्न सुन्दर हस्तशिल्प सामग्री प्रस्तुत कनरे के लिए विशेषज्ञ एवं प्रशिक्षित कारीगरों की सहायता के जरिए प्रशिक्षण दिया जाता है। महिलाओं के द्वारा तैयार किए गए सामग्रियों को बेचने के लिए भी -सुधा- सुयोग प्रदान करता है। बाजार में उत्पादित सामग्रियों को यथोचित मूल्य में बेचकर प्रशिक्षार्थियों ने कैसे अपना आर्थिक अवस्था उन्नत कर सकते हैं, उस पर ध्यान दिया जाता है। शिशुओं को शिक्षा का विकाश एवं प्रसार के लिए सुधा अविरत उद्यम कर रहा है। पुरी शहर के झोपड़ी में रहने वाले, विद्यालय न जाने वाले अथवा बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चों को नियमित विद्यालयों में दाखिल करने के लिए सुधा की तरफ से हर समय प्रयास किया जाता है। संस्थान की तरफ से बस्ती और ग्रामांचल में शिक्षाकेन्द्र प्रतिष्ठा किया गया है। इन केन्द्रों में बिना देय के पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने के साथ प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा शिक्षा दी जाती है। इसके साथ ही शारीरिक एवं मानसिक विकाश खेलकूद का प्रबन्ध किया जाता है। संस्था के मुख्य सलाहकार प्रफुल्ल कुमार पटनायक अवसर प्राप्त सहमुख्य चिकित्साधिकारी के प्रत्यक्ष तत्वावधान में परिचालित स्वास्थ्य प्रशिक्षण एंवं स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर बस्ती और ग्रामांचल में रहने वाले पीड़ितों को बिना देय दवा दी जाती है।
इसके अलावा सुधा की तरफ से एड्स निराकरण, परिवार नियोजन, परिवेश सुरक्षा, तम्बाकू की अपकारिता आदि के बारे में लोगों को जागरूक करने हेतु कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। सुधा के जरिए कानूनी सहायता, कैंसर रोग के निराकरण, मानवाधिकार जागरूकता एवं सुरक्षा जैसे कई अहम उद्यम जारी है। देश की एकता एवं अखण्डता के प्रति अनुष्ठान जागृत है। साल भर अनुष्ठान की तरफ से सड़क सुरक्षा से लेकर पशु कल्याण, कृषि और वन सुरक्षा तथा वृक्ष रोपण के विषय में कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। इसके अलावा सौर ऊर्जा तथा पवन ऊर्जा के उपयोगिता के बारे में लोगों में जागरूकता फैलायी जाती है। विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के मन में देश प्रेम, त्याग, अहिंसा और भाईचारा के लिए साल के बीच बीच में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम और कार्यशाला आयोजित किया जाता है। संस्था के अध्यक्ष संजय कुमार मिश्र के प्रत्यक्ष तत्वावधान में यह सेवा कार्य आयोजित होता है। हमेशा निरंतर सेवा कार्य के लिए सुधा जनमानस में प्रशंसित हो रहा है।
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