हस्तशिल्प नमूना विकास पर कार्यशाला
पुरी, जागरण संवाददाता
जगतिकरण युग में बाजार के मांग और ग्राहकों के रुचि को ध्यान में रखते हुए हस्त शिल्प सामग्री बनाने के लिए शिल्पियों के दक्षता के विकास पर जोर दिया जाता है। इस उद्देश्य में हस्तशिल्प नमूना विकास कार्यशाला सम्पन्न हुई है। भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय अधीनस्थ हस्तकला विकास आयुक्त कार्यालय के क्षेत्रीय रूपांकन और कारीगरी विकास केन्द्र, कोलकाता की तरफ से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिल्पी अशोक कुमार महापात्र तथा रवीन्द्र महारणा के समेत 24 कारीगर रुचि और व्यवहारिक रूप के प्रति महत्व देते कार्यशाला में नूतन मान के कारू शिल्प सामग्री प्रस्तुत किए थे। पुरी क्रिएटिव हैण्डीक्राफ्ट सोसाइटी के सहयोग से 30 शिल्पियों को नियोजित कर चांदुआ शिल्प के व्यवहारिक सामग्री प्रस्तुत की गई थी। इस दो कार्यशाला में आयोजक कार्यालय के सह रूपांकन शिल्पी रामानुज बैरी गंजन ओड़िशा तथा पुरी के पारंपरिक खुदाई शिल्प में प्राधान्य लाभ की गई लोकप्रिय विषय वस्तु -हाथी- को मुख्य करके लकड़ी उद्योग तथा चांदुआ उद्योग के मध्य एक भिन्न रूचि के व्यवहारिक सामग्री का पैकेज प्रस्तुत किए थे। कर्मशाला के अंतिम दिवस को एक प्रदर्शनी आयोजित की गई थी। समापन उत्सव में जिला शिल्प केन्द्र के साधारण परिचालक हरि बंधु दास अतिथि के तौर पर उपस्थित रहकर विभिन्न हस्तशिल्प पर विचार रखे थे। सोसाइटी के अध्यक्ष देवी प्रसन्न नंद कार्यशाला संचालन कर रहे थे।
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