ओडिशा विधानसभा: कांग्रेस ने पुलिस पर लगाए आरोप, BJP ने सरकार को घेरा तो बीजद ने भी किया पलटवार; जानें घटनाक्रम
Odisha Legislative Assembly Proceeding विधानसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने आदिवासियों पर किए गए पुलिस अत्याचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बोडेन गांव में एक तरफ माओवादियों का डर एवं दूसरी तरफ पुलिस के अत्याचार के कारण लोग गांव छोड़ रहे हैं।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता: ओडिशा विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने आदिवासियों पर किए गए पुलिस अत्याचार का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि बोडेन गांव में एक तरफ माओवादियों का डर एवं दूसरी तरफ पुलिस के अत्याचार के कारण लोग गांव छोड़ रहे हैं। अशिक्षित-गरीब आदिवासियों को कोलकाता ले जाने के बाद पुलिस अब उन्हें भुवनेश्वर में पेश होने के लिए कह रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के बोडेन में माओवादियों ने सीआरपीएफ के तीन जवानों की हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस बोडेन गांव गई और बिना सबूत जुटाए गांव के लोगों को थाने में आत्मसमर्पण करने का नोटिस दे दिया।
गांववालों ने जब थाने में आत्मसमर्पण किया तो फिर उन्हें बोडेन थाने में 50 हजार रुपये की लालच दी गई। इसके बावजूद गांववालों ने कहा कि उन्हें घटना के बारे में कुछ भी पता नहीं है।
इसके बाद भी एनआइए उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए कोलकाता ले गई। वहां उन्हें प्रताड़ित किया गया। उन्हें कोलकाता ले जाया गया और यह कहने के बाद भी प्रताड़ित किया गया कि उन्हें घटना के बारे में कुछ भी पता नहीं है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा कि अगर पुलिस निर्दोष आदिवासियों पर इस तरह का अत्याचार करती है तो सरकार की माओवादी विचारधारा को दबाने की सोच काम नहीं आएगी।
एक तरफ माओवादियों का खौफ तो दूसरी तरफ पुलिस अत्याचार के डर से आदिवासी लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं। इसलिए इसके विरोध के बावजूद ओडिशा पुलिस चुप बैठी है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने मांग की कि विधानसभा में तत्काल सदन की एक समिति का गठन किया जाए और जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाए।
नगड़ा से लेकर कलिंगनगर तक की तस्वीर बदतर है: नेता प्रतिपक्ष
भुवनेश्वर : नेता प्रतिपक्ष जयनारायण मिश्रा के निशाने पर राज्य सरकार के चर्चित उपक्रम मो सरकार और 5-टी है। शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान राज्य में कुपोषण का मुद्दा उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जाजपुर जिले के नगड़ा से लेकर कलिंगनगर तक की तस्वीर और भी खराब है।
नगड़ा या कलिंगनगर ही नहीं, ओडिशा में 19 प्रतिशत बच्चे कम वजन के पैदा होते हैं। राज्य में 31 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं और 64 प्रतिशत एनीमिक हैं। इसी तरह, 61.8 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिक हैं। क्या यह मो सरकार है, क्या यह 5-टी है, क्या यह ओडिशा का विकास है?
नेता प्रतिपक्ष मिश्रा ने मांग की कि मंत्री को इस संबंध में सदन में बयान देना चाहिए। बीजद विधायक अमर सतपथी ने कुपोषण के मुद्दे पर विपक्ष के नेता पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आप नगड़ा जाइए और वहां की स्थिति देख कर आइए।
बीजद विधायक ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राज्य को बदनाम क्यों कर रहे हैं? नगड़ा के साथ सुकिंदा को बदनाम करने का अधिकार किसने दिया? वहां सरकार ने क्या किया? हमारी सरकार ने पौष्टिक भोजन देकर एक नया रूप दिया है। एक बार वहां जाइए और देखकर आइए, आपको पहले के नगड़ा और आज के नगड़ा में फर्क समझ आ जाएगा।
बीजद ने उठाया केंद्र की लापरवाही का मुद्दा, भाजपा ने दिया जवाब
ओडिशा विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान बीजद विधायक अरुण साहू ने केंद्र सरकार की लापरवाही का मुद्दा उठाया। बीजद विधायक ने परिवहन के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
खुर्दा बलांगीर परियोजना का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रेल बजट में घोषित धन नहीं देती है। ओडिशा के कई जिलों में अभी भी रेल संपर्क नहीं है।
राष्ट्रीय राजमार्गों का मुद्दा उठाते हुए बीजद विधायक ने कहा कि केंद्र केवल बड़ी घोषणाएं कर रहा है, लेकिन उनकी घोषणा केवल घोषणा तक सीमित रहती है।
केंद्र सरकार ने कितना पैसा दिया है और कितना खर्च किया है, इसका हिसाब दें। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष से उन्होंने रूलिंग की मांग की। इस पर भाजपा विधायक सुभाष पाणिग्रही ने साहू पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा पैसा दिए जाने के बावजूद राज्य सरकार जमीन उपलब्ध नहीं करा रही है।
तालचेर-विमलागढ़ रेलवे लाइन का काम राज्य सरकार द्वारा भूमि ना दिए जाने के कारण आगे नहीं बढ़ पाया है। ऐसे में अध्यक्ष को रूलिंग देना चाहिए। भाजपा विधायक ने सदन में मांग की कि सरकार सदन में जवाब रखे कि वह जमीन कब उपलब्ध कराएगी।