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पहले सुनते नहीं थे, अब मनाने में जुटे

किरमिरा ब्लॉक के भालूपतरा गांव मे मौजूद सरकारी देसी शराब भटठी बंद करने की मांग को लेकर जारी महिलाओं का धरना पुलिस प्रशासन के लिए गले की फांस बनता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 08:00 AM (IST)
पहले सुनते नहीं थे, अब मनाने में जुटे
पहले सुनते नहीं थे, अब मनाने में जुटे

संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : किरमिरा ब्लॉक के भालूपतरा गांव मे मौजूद सरकारी देसी शराब भट्ठी को बंद करने की मांग को लेकर जारी महिलाओं का धरना पुलिस-प्रशासन के गले की फांस बनता जा रहा है। आलम यह है कि पूर्व में गांव की महिलाओं की शिकायत व गुजारिश को हल्के में लेने वाले आबकारी विभाग व पुलिस के अधिकारी उन्हें मनाने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन महिलाओं ने स्पष्ट कर दिया है कि जबतक गांव से शराब भट्ठी नहीं हटेगी तबतक उनका आंदोलन जारी रहेगा। हालांकि शनिवार को भी आबकारी विभाग व लैयकरा थाना के पुलिस पदाधिकारियों ने धरनास्थल पहुंचकर महिलाओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। महिलाओं के आंदोलन को सामाजिक संगठनों सहित अंचल के प्रबुद्ध नागरिकों का भी समर्थन मिलने लगा है।

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वहीं, बंधपाली की सरपंच मंजूलता सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी आंदोलन का समर्थन किया है। सरपंच ने तो शासन-प्रशासन से देसी शराब भट्ठी के लिए अनुमति नहीं देने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी इन महिलाओं ने भालूपतरा गांव में देसी शराब भट्ठी बंद करने की मांग को लेकर आबकारी विभाग तथा स्थानीय पुलिस प्रशासन से कई बार गुहार लगाई थी लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। महिलाओं का आरोप है कि गांव में शराब भट्ठी खुलने से घर में अशांति के साथ युवाओं पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा गांव की लड़कियों व महिलाओं को राह चलते दु‌र्व्यवहार का सामना करना पड़ता है।


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