डीेएम के समक्ष फूटा विस्थापितों का आक्रोश
नगर तहसील के रामपुर-पतरापाली में विकास परियोजना को लेकर
जागरण संवाददाता, झारसुगुड़ा : नगर तहसील के रामपुर-पतरापाली में विकास परियोजना को लेकर जनसुनवाई के लिए पहुंचे झारसुगुड़ा के डीेएम विभूति भूषण पटनायक को हीराकुद डैम के विस्थापितों के आक्रोश का शिकार होना पड़ा। इनका कहना था कि वर्ष 1956 में हीराकुद डैम से विस्थापित होने के बाद अब तक किसी प्रकार का न तो मुआवजा, नियुक्ति और न ही अन्य सुविधा मिली है। और अब पुन: किसी नए प्रोजेक्ट के लिए विस्थापित होना वे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि रामपुर-पतरापाली में लिगनाइट एवं कोयला खदान के लिए नया प्रोजेक्ट बनने वाला है। इसके लिए डीएम विभूतिभूषण पटनायक व अन्य अधिकारी रामपुर-पतरापाली गांव में मंगलवार को जनसुनवाई के लिए पहुंचे थे। लेकिन हीराकुद डैम से विस्थापित होने के बाद यहां बसे लोगों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि उन्हें डैम के लिए विस्थापित तो किया गया है, लेकिन किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली है। जिससे वे अब यहां रहकर किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप था कि विस्थापित होने के बाद उन्हें इस जमीन पर बसाया तो गया था, लेकिन पट्टा का आवेदन करने के बाद भी पट्टा नहीं मिलता है। जिस पर डीएम ने ग्रामीणों को कहा कि वे इससे अवगत नहीं थे, अब वे इस समस्या का समाधान करने में उनका हरसंभव सहयोग करेंगे। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए। इस मुद्दे को लेकर डीएम से बातचीत करने वाले ग्रामीणों में खगेश्वर नायक, दिलीप साहू, वीेरेंद्र प्रधान, सनातन साहू व अन्य लोग शामिल थे।