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झारसुगुड़ा में 31 हजार हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल हुई बर्बाद

जिले में कुल 31 हजार 76 हेक्टेयर जमीन पर धान की फसल बर्बाद हुई है, जो कुल 33 प्रतिशत है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 08:41 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 08:41 PM (IST)
झारसुगुड़ा में 31 हजार हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल हुई बर्बाद
झारसुगुड़ा में 31 हजार हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल हुई बर्बाद

संसू, झारसुगुड़ा : जिले में कुल 31 हजार 76 हेक्टेयर जमीन पर धान की फसल बर्बाद हुई है, जो कुल 33 प्रतिशत है। खरीफ फसल में जिले में सूखे की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से जमीनी स्तर पर आकलन करने के बाद सरकार को रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें जिले के पांच ब्लॉक की 78 पंचायत व तीन नगरपालिका के 17 वार्ड सूखाग्रस्त होने का उल्लेख किया गया है। वहीं 18, 239 हेक्टेयर जमीन पर 33 से 50 प्रतिशत के बीच फसल का नुकसान होने की जानकारी जिला प्रशासन की ओर से राज्य सरकार को दी गई है।

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उल्लेखनीय है कि जिले में कुल 50404 हेक्टेयर जमीन में धान की खेती की गई थी जिसमें मात्र 3065.24 हेक्टेयर जमीन के लिए सिंचाई की सुविधा है। वैसे जिले में मुख्य रूप से वर्षा पर ही धान की खेती निर्भर रहती है मगर इस वर्ष बारिश के अभाव से जिले में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

जिलाधीश से मिलीं विधायक राधारानी पंडा

ब्रजराजनगर की विधायक राधारानी पंडा ने जिलाधीश विभूति भूषण पटनायक से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। इसमें फसल हानि का सही आकलन कराने, किसान द्वारा अपने स्तर से फसल बचाने, क्रॉप कटिंग के बजाय प्रभावित फसल का सही तथ्य संग्रह करने की अपेक्षा की गई है। विधायक की ओर से किसानों द्वारा सेटलाइट आकलन का विरोध किए जाने से सूखे से प्रभावित किसानों को सही क्षतिपूर्ति एवं रवि फसल के लिए उन्हें प्रोत्साहन दिए जाने की मांग की गई है। प्रतिनिधिमंडल में कम्युनिस्ट नेता वासुदेव भोई, दिलीप बढ़ेई, आनंद साहू, अशोक कुमार नायक, गिरिश खमारी व पंचू प्रधान आदि शामिल थे।

सरकार के निर्णय का विधायक ने किया स्वागत

राज्य सरकार की ओर से नौ जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है जिसमें झारसुगुड़ा भी शामिल है। क्षेत्रीय विधायक नवकिशोर दास ने राज्य सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। विधायक ने कहा कि चलित वर्ष बारिश के अभाव से पूरे झारसुगुड़ा जिले में सूखे की स्थिति गंभीर है। जिले में इस वर्ष 33 प्रतिशत से अधिक फसल की हानि हुई है जिससे किसानों की कमर टूट गई है। विधायक ने आगामी रवि फसल के लिए कीटनाशक, बीज, सार आदि उपलब्ध कराने समेत किसानों का कर्ज माफ करने, फसल क्षति के लिए इनपुट सब्सिडी प्रदान करने एवं फसल बीमा राशि प्रदान करने सरकार से अनुरोध किया है।

किसानहित में तत्पर सरकार : महांती

पश्चिम ओडिशा विकास परिषद के अध्यक्ष किशोर महांती ने राज्य के नौ जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किए जाने पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का आभार प्रकट किया है। महांती ने कहा कि इस वर्ष सितंबर व अक्टूबर महीने में बारिश नहीं के बराबर हुई जिससे जिले में सूखे की स्थिति बनी है। पानी के अभाव से धान की फसल मर गई, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई थी। ऐसे में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा जिला प्रशासन से जमीनी रिपोर्ट मिलने के बाद प्रथम चरण में राज्य के नौ जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करना, किसानों के प्रति सरकार की सोच दर्शाती है। अब जिले के किसानों को काफी राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के इस फैसले से हजारों-हजार किसानों की चिंता काफी हद तक कम होगी।


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