वेदांत बचाने आगे आए प्रबुद्ध
कच्चा माल के अभाव में जिले के कई उद्योग बंद हो चुके हैं या फिर बंदी की कगार पर हैं।
संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : कच्चा माल के अभाव में जिले के कई उद्योग बंद हो चुके हैं या फिर बंद होने के कगार पर हैं। इसी कड़ी में स्थानीय वेदांत एल्यूमिनियम प्लांट भी कच्चा माल न मिलने से अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहा है। वेदांत के हालात को देखते हुए अंचल के प्रबुद्ध नागरिक आगे आए हैं और राज्य सरकार से इस मामले में मध्यस्थता कर कंपनी को नालको से एल्यूमिनियम दिलाने का अनुरोध किया है।
इतना ही नहीं, इन प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा नालको के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक डॉ. तपन कुमार चांद को भी खत लिखकर वेदांत की स्थिति से अवगत कराया है। साथ ही नालको की ओर से निकाली गई 30 मिलियन टन एल्यूमिनियम बेचने की निविदा में वेदांत को भी शामिल करने की गुजारिश की गई है।
उल्लेखनीय है कि विगत 19 जनवरी को भी अंचल के लोगों ने नालको के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक डॉ. तपन कुमार चांद तथा राज्य के मुख्य सचिव आदित्य पाढ़ी से मुलाकात कर वेदांत को बाक्साइट उपलब्ध कराने की मांग की थी। नालको के चेयरमैन ने उपयोग के बाद बचा एल्यूमिनियम वेदांत को देने का भरोसा दिया था। इस बाबत क्षेत्रीय 11 हजार श्रमिकों के साथ शहरवासियों के हस्ताक्षरयुक्त मांगपत्र नालको व राज्य सरकार को सौंपा गया था। बताया गया था गुजरात व महाराष्ट्र की सरकार इसी प्रकार अपने उद्योगों को कच्चा माल मुहैया कराती हैं। वेदांत भी एक बड़ा प्लांट है। इस प्लांट से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। साथ ही करोड़ों रुपयों का राजस्व भी राज्य को मिलता है। इसके समेत वेदांत सीएसआर कार्यक्रम के तहत आसपास के गांवों में विकास कार्यक्रम भी चलाती है। ऐसे में इस प्लांट को सुचारू रूप से चलाने तथा इसका अस्तित्व बचाने के लिये कच्चा माल की नितांत जरूरत है।