बेमौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता
चालू वर्ष में धान खरीदी की व्यवस्था पूर्ण रूप से विफल होने का आरोप किसान लगा रहे हैं। पिछले साल तो व्यवस्था और अधिक खराब थी।
संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : चालू वर्ष में धान खरीदी की व्यवस्था पूर्ण रूप से विफल होने का आरोप किसान लगा रहे हैं। पिछले साल तो व्यवस्था और अधिक खराब थी। चालू वर्ष तो फिर भी इसमें थोड़ी सुधार हुई है, लेकिन इस साल सरकार के टोकन व्यवस्था से कई किसान अपना धान नहीं बेच पाए। उन्हें मजबूरन कम दर पर अपना धान बेचना पड़ रहा है। गत गुरुवार से शुरू हुई बारिश ने किसानों का दुख बढ़ा दिया है। जिन किसानों का धान नहीं बिक पाया है। वह कैसे अपने धान को सुरक्षित रखेंगे इसको लेकर वे परेशान है। जगह नहीं होने के कारण कई किसानों ने खुले में धान रखा था। अब वर्षा के कारण पालीथिन ढक कर किसी तरह धान बचाने में लगे हैं, लेकिन इसके बावजूद वर्षा में धान भीगकर खराब हो रहा है। धान खरीदने की जिम्मेदारी जिला खाद्य आपूर्ति विभाग, पैक्स व विनियमित विपणन समिति के अधीन है। मगर झारसुगुड़ा जिला में इन तीनों विभाग के बीच समन्वय नहीं होने से इस प्रकार कि स्थिति उत्पन्न हुई है। इसका खामियाजा किसानों को भोगना पड़ रहा है। जिले के अग्रणी किसान में एक दिलीप बढ़ई ने बताया कि वे अपना 600 बोर धान बेचने आए थे। मगर अभी तक मात्र 60 क्विंटल धान ही बिक पाया है। जिले में किसी भी बड़े किसान को टोकन नहीं मिला है। बारंबार शिकायत के बाद भी कोई भी सुनवाई नही हो रही है।