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ग्रामीणों ने जलापूर्ति योजना का नहीं होने दिया लोकार्पण

झारसुगुड़ा जिला के सीमावर्ती तालाबीरा-2 व तीन खुली कोयला खदान से खनन को लीज प्राप्त एनएलसी इंडिया लिमिटेड को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा हे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 09:07 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 09:07 PM (IST)
ग्रामीणों ने जलापूर्ति योजना का नहीं होने दिया लोकार्पण

संसू, झरासुगुड़ा : झारसुगुड़ा जिला के सीमावर्ती तालाबीरा-2 व तीन खुली कोयला खदान से खनन के लिए सरकार से लीज प्राप्त एनएलसी इंडिया लिमिटेड का स्थानीय लोगों ने विरोध किया है। झारसुगुड़ा ब्लॉक के रामपुर गांव में दस लाख की लागत से निर्मित पेयजलापूर्ति योजना के उद्घाटन के लिए आयोजित कार्यक्रमस्थल पहुंचकर स्थानीय लोगों ने कंपनी का विरोध करते हुए वहां रखी मेज-कुर्सियों को इधर-उधर फेंक दिया। इस वजह से योजना का लोकार्पण नहीं हो सका। हालांकि घटनास्थल पर एसडीपीओ कैलाश आचार्य, बड़माल थानाधिकारी अमिताभ पंडा व बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था। उद्घाटन के लिए आमंत्रित अतिथियों को शायद पहले ही इसकी भनक लग गई थी सो वे आए ही नहीं। कंपनी के अधिकारी केवल नारियल फोड़कर चले गए। उद्घाटन में सांसद डॉ. प्रभाष ¨सह, एनएलसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक एचआर आर विक्रमण व विधायक नवकिशोर दास को उपस्थित रहना था।

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कार्यक्रम स्थल पहुंचे रामपुर, मालदा, पतरापाली, ¨खडा, बधुआपाली आदि गांव के लोगों ने आरोप लगाया है कि प्रस्तावित तालाबीरा दो और तीन खदान से विस्थापित होनेवालों के लिए कंपनी ने अब तक कुछ स्पष्ट नहीं किया है। ग्रामीणों का कहना है कि खदान होने से अंचल के जल, जंगल व जमीन सभी नष्ट होगी। कंपनी की ओर से विस्थापितों को पुर्नवास व नियुक्ति के लिए अब तक ठोस आश्वासन तक नहीं दिया गया है। कंपनी अंचलवासियों के हित की अनदेखी कर रही है। इसलिए वे यहां कोई कार्यक्रम नहीं होने देंगे। ग्रामीणों में जितेंद्र ¨सहदेव, आरके ¨सहदेव, मनोज रोहिदास, अमित ¨सह, हेमसागर ¨सह, विरेंद्र कुमार साय आदि के नेतृत्व में ग्रामीणों ने विरोध किया।


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