हाथी के हमले में एक की मौत
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर : जिले के लखनपुर ब्लॉक में दंतैल हाथी का उत्पात थमने का नाम नह
जागरण संवाददाता, ब्रजराजनगर :
जिले के लखनपुर ब्लॉक में दंतैल हाथी का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। विदित हो कि विगत सोमवार की रात लखनपुर थाना अंतर्गत कूड़ालोई पंचायत के बिछुआपाड़ा गांव में 71 वर्षीय बुधराम मुंडा को एक दंतैल हाथी ने कुचलकर मार डाला।
ज्ञात हो की दस दिन पूर्व ही लखनपुर ब्लॉक में ही हाथी के हमले में एक ग्रामीण की जान जा चुकी थी। घटना वाली रात हाथी ने साहाजबहाल गांव के मंझा तपन, साइमन केरकेटा, धउलडेरा गांव के आनंद बारला तथा भैंसामुड़ा गांव के चार घरों को भी हाथी ने तोड़ डाला। हाथी के आतंक से अब ग्रामीणों ने रात में गांव में पहरा देने का निर्णय लिया है। वहीं झारसुगुड़ा डीएफओ अर्जुन बेहेरा का कहना है कि साधारणतया हाथी इस तरह से आक्रमक रूप अख्तियार नहीं करते तथा जिस तरह से यहां देखने को मिल रहा है। हाथी द्वारा घरों को तोड़कर लोगों को उठाकर ले जाना तथा कुचलकर मार डालने की घटना को उन्होंने आश्चर्यजनक बताया। उन्होंने कहा कि हाथियों को खदेड़ने के लिए एक अलग स्क्वायड को लगाया गया है। वहीं आतंकित ग्रामीणों ने मंगलवार को सुबह सात बजे से मृतक बुधराम के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी तथा हाथी को काबू करने की मांग पर राष्ट्रीय राजमार्ग 49 का अवरोध कर दिया
उठाजल सेचन निगम के अध्यक्ष अनूप साय भी पथावरोध में शामिल हुए।
ग्रामीणों का कहना था कि मृतक बुधराम मुंडा रामपुर कोयला खदान के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। वे गांव में रहकर बगीचे में विभिन्न प्रकार के फलों की खेती करते थे तथा सोमवार की रात हाथी ने उनके बगीचे को तहस- नहस करने के उपरांत घर का दरवाजा तोड़ा दिया एवं जब बुधराम हाथी से बचने के लिए घर की चारदीवारी कूदकर भागने लगे तभी हाथी ने पकड़ लिया। घटना की खबर पाकर बेलपहाड़ वन विभाग के रेंजर हेमंत साहू व लखनपुर थाना प्रभारी बैजूबिहारी सेठ भी मौके पर पहुंचे और जांच- पड़ताल की। वहीं मंगलवार को झारसुगुड़ा डीएफओ अर्जुन बेहेरा व ब्रजराजनगर रेंजर एसके मणिहीरा ने भी घटनास्थल स्थल का दौरा किया।
लखनपुर तहसीलदार डोलामणि पटेल, अतिरिक्त तहसीलदार बीरसेन बेहेरा, ब्रजराजनगर एसडीपीओ नृपचरण दंडसेना सहित अन्य अधिकारियों ने पथावरोध कर रहे ग्रामीणों से वार्ता की। झारसुगुड़ा डीएफओ अर्जुन बेहेरा ने कहा कि मृतक के परिवार को तीन लाख का मुआवजा तथा रेडक्रॉस की तरफ से दस हजार एवं अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये तुरंत प्रदान करने तथा तीन दिनों के अंदर हाथी को अन्यत्र खदेड़ने के आश्वासन के बाद दोपहर तीन बजे के बाद जाकर ग्रामीणों ने अपना आंदोलन समाप्त किया।