घर में घुसे युवक को बांधकर पीटा, मौत
नगर के ओरामपाड़ा में एक घर में घुसे युवक को बांधकर पिटाई करने से उसकी मौत हो गई।
संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : नगर के ओरामपाड़ा में एक घर में घुसे युवक को बांधकर पिटाई किए जाने से उसकी मौत होने का मामला सामने आया है। मृतक विक्की सोना के परिजनों ने पुरानी रंजिश में घर बुलाकर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाने समेत पुलिस की कार्यशैली को लेकर अस्पताल में जमकर हंगामा किया। पुलिस के साथ धक्का-मुक्की होने से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा। संबद्ध घर के लोगों द्वारा लिखित रूप से मृत युवक के चोरी के इरादे से घर में घुसने और उसकी पिटाई किए जाने की बात कहे जाने से पुलिस ने परिवार के चार लोगों को हिरासत में लेने समेत घटना की जांच जारी रखी है।
पुलिस के अनुसार, सोमवार की रात ओरामपाड़ा के निवासी शिवबिहारी पाल के घर में कोई चोर घुसा था। इसका पता चलने से परिवार के लोगों ने उसे बांधकर जमकर पिटाई करने समेत पुलिस को सूचना दी। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने वहां पहुंचकर परिवार के चार लोगों समेत घायल युवक का इलाज कराने के बाद रात के 3.30 बजे थाना लाया गया। लेकिन सुबह सात बजे पुन: हालात खराब होने से विक्की को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी खबर मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे मृतक के परिजनों ने पाल परिवार पर पुरानी दुश्मनी में विक्की को घर बुलाकर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। साथ ही घायल विक्की को रात में अस्पताल में भर्ती करने के बजाय पुलिस द्वारा थाना लाए जाने पर सवाल उठा दिया। कहा कि विक्की की मौत थाना में ही हो गई थी पुलिस अपनी जान बचाने के लिए उसे दोबारा अस्पताल लाई। विक्की को अस्तपाल में भर्ती किया जाता तो शायद उसकी जान बच जाती। पुलिस की ओर से मारपीट में संलिप्त शिवबिहारी पाल, उसकी पत्नी कुंती देवी समेत दोनों बेटो विनोद व गणेश को हिरासत में लिए जाने की बात कहने पर मृतक के परिजन शांत हुए तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
इधर, शिवबिहारी पाल के बड़े बेटे विनोद पाल ने थाना में तहरीर दी है विक्की नामक युवक घर में चोरी के इरादे से घुसा था। उसे मेरे साथ भाई गणेश, पिता शिवबिहारी पाल, मां कुंती देवी व मेरी पत्नी ने पीटा था।
कोट
हमने मारपीट में संलिप्त चारों आरोपितों को हिरासत में लिया है। जिन्होंने मारपीट की बात स्वीकार की है। हम मामले की जांच में जुटे हैं।
-कैलाश आचार्य, एसडीपीओ