नीति, धर्म साहित्य के श्रेष्ठ नेता थे गंगाधर : सांसद
गंगाधर साहित्य कालजयी है। प्रकृति का वर्णन व सौंदर्यबोध के साथ राष्ट्री
संसू, झारसुगुड़ा : गंगाधर साहित्य कालजयी है। प्रकृति का वर्णन व सौंदर्यबोध के साथ राष्ट्रीयबोध गंगाधर के साहित्य की मौलिकता थी। नई आशा, दिग्दर्शन, अमृतभावना प्रेरणा, गंगाधर के जन्म स्थल बरपाली में स्मृति पीठ के विकास के लिए राज्य सरकार का प्रयास प्रशंसनीय है। इसे एक दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित करना सरकार का लक्ष्य है। मेहेर समाज की ओर से नवनिर्मित कल्याण मंडप का नामकरण गंगाधर मेहेर के नाम करने पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांसद प्रभाष ¨सह ने यह बात कही।
बतौर अतिथि झारसुगुड़ा के विधायक नवकिशोर दास ने कहा कि झारसुगुड़ा में पूज्य पूजा की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए जिला प्रशासन की सहायता से जिस तरह से मेहेर समाज ने स्वभाव कवि गंगाधर की आदमकद प्रतिमा की स्थापना की है वह इतिहास में दर्ज रहेगा। मुख्यवक्ता स्वेत कुमार प्रधान ने कहा कि गंगाधर ने अपनी भारती भावना रचनाओं से अंग्रेजों के विरुद्ध देशवासियों को संग्राम के लिए प्रेरित किया था। सम्मानित अतिथि जिलाधीश विभूति भूषण पटनायक पदमश्री चर्तुभुज मेहेर, ओडि़या सिनेमा के अभिनेता रतन मेहेर, धनुयात्रा के कंस महाराज, सुशील मेहेर आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे। इस मौके पर मेहेर समाज की पदमावति मेहेर, नृत्य निदेशक व अभिनेता आतिश कुमार त्रिपाठी, कवि गौंतिया, मो. जमीउल्ला, अध्यापिका मंदाकिनी शतपथी, दिव्यांग संगीत साधक सपंद मेहेर आदि को सम्मानित करने समेत एक स्मारिका का विमोचन किया गया। अंत में चंद्रशेखर मेहेर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।