झारसुगुड़ा में पहले दिन 4448 लोगों का टीकाकरण
सर्वर डाउन होने से ग्यारह बजे के बाद टीकाकरण शुरू हुआ। पहले दिन 4448 लोगों का टीकाकरण कया गया। सरकार द्वारा झारसुगुड़ा में संचलित 16 केंद्र पर 4448 लोगों का हुआ टीकाकरण।
संसू, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा में सोमवार से शुरू हुए 18 से 45 वर्ष के उम्र के युवाओं के टीकाकरण में पहले दिन 20 केंद्रों कुल 4448 लोगों ने टीका लिया। विभिन्न केंद्रों में सर्वर डाउन होने के कारण टीकाकरण में घंटों विलंब हुआ। जिसके कारण केंद्र के बाहर युवक व युवतियों की भीड़ लगी रही। हालांकि अधिकांश केंद्रों पर शारीरिक दूरी का नहीं किए जाने की बात भी सामने आई। कई केंद्रों में स्वयं सेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए समझाते रहे। इधर, पंचपड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीका लेने आए युवकों को घंटे धूप में लाइन में खड़ा रहना पड़ा।
बता दें, सर्वर डाउन होने से ग्यारह बजे के बाद टीकाकरण शुरू हुआ। पहले दिन 4448 लोगों का टीकाकरण कया गया। सरकार द्वारा झारसुगुड़ा में संचलित 16 केंद्र में से मनमोहन एमई स्कूल में 185, सरबाहल हाई स्कूल में 190, डीएलवी स्कूल में 184, घनश्याम हेमलता विद्या मंदिर में 200, एकाताली हाई स्कूल में 223, मालीमुंडा हाई स्कूल में 181, पंचपड़ा हाई स्कूल में 189, बालिका उच्च विद्यालय (मंगल बाजार) में 186, पुराना बस्ती हाई स्कूल में 189, केंद्रीय विद्यालय में (रेलवे कॉलोनी) में 188, संत थोमस पब्लिक स्कूल में 190, संत मेरी (कोक्स कालोनी) में 191, जिला मुख्य अस्पताल में 176, शहरांचल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंचपड़ा में 190, शहरांचल प्राथमिक केंद्र झारसुगुड़ा में 195 एवं ओएसएपी अस्पताल में 195 युवक युवतियों को निश्शुक्ल टीका लगाया गया। वही चार गैरसरकारी संस्थान जहां प्रति व्यक्ति 100 रुपये शुल्क लेकर टीकाकरण किया गया, उनमें समलेश्वरी निजी नर्सिंग होम में 186, संजीवनी अस्पताल में 182, संत मेरी अस्पताल में 180 एवं अपोलो क्लीनिक में 184 युवक युवतियों ने टीका लिया।
संक्रमित की मौत के दिन सीसीटीवी का बंद रहना रहस्यमय
संसू, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा कोविड अस्पताल में संक्रमित के सोने की चेन, रुपये व मोबाइल फोन आदि की चोरी मामले में शामिल होने के संदेह में अस्पताल के तीन ठेकाकर्मियों से पुलिस ने पूछताछ कर रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस दिन संक्रमित नंदलाल विश्वाल की मौत हुई थी, उस दिन अस्पताल के भीतर लगा सीसीटीवी कैमरा बंद था। इससे संशय बढ़ गया है। अब यह भी संदेह किया जा रहा है कि चोरी के लिए ही चोरों ने सीसीटीवी को उस दिन बंद किया होगा। कोविड अस्पताल में जब नंदलाल विश्वाल भर्ती हुए थे। तभी से ही अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की गतिविधि संदेह के घेरे में होने का आरोप नंदलाल विश्वाल के पुत्र प्रशांत ने लगाया है। कहा कि कर्मचारियों की नजर उनके पिता के सोने की चेन, नगद रुपये व मोबाइल पर लगी रहती थी। यह बात खुद उसके पिता ने फोन पर उसे बताई थी। पिता इलाजरत होने के कारण उस समय उसने इस बात को उठाना ठीक नहीं समझा। 30 अप्रैल को नंदलाल की मौत हुई थी। मृत्यु के पूर्व का अस्पताल के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे में कोई रिकॉर्ड नहीं था। क्योंकि उस दिन कैमरा बंद था। उक्त पूरी घटना में अस्पताल के मेडिकल आफिसर डा. एलके कर्मी ने अस्पताल के तीन ठेका सफाई कर्मचारियों पर संदेह कर सदर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। इसी के बाद पुलिस ने घटना की जांच शुरू की थी।