किरमिरा ब्लाक में आवास घोटाला 27.5 लाख अनुदान कि हेराफेरी
संसू झारसुगुड़ा झारसुगुड़ा जिला के किरमिरा ब्लाक में चार साल पहले हुई आवास घोटाल
संसू, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा जिला के किरमिरा ब्लाक में चार साल पहले हुई आवास घोटाले को लेकर मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। आवास उपलब्ध कराने के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर 27 लाख 50 हजार रुपये के सरकारी अनुदान की हेराफेरी की गई थी। तत्कालीन सुलेही पंचायत के ग्राम रोजगार सेवक (जीआरएस) व फर्जी लाभुक के नाम पर तत्कालीन बीडीओ की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में मामले का खुलासा हुआ था और जीआरएस की गिऱफ्तारी हुई थी। हालांकि, उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इस मामले में अभी और गिरफ्तारी होनी है।
विदित हो कि वर्ष 2016 में किरमिरा ब्लाक में हुए आवास घोटाले ने पूरे जिले में सनसनी ला दी थी। तत्कालिन जिलाधीश विभूति भूषण पटनायक के लिखित निर्देश में ब्लॉक कि तत्कालीन बीडीओ रीता डांग ने वर्ष 2016 के सितंबर माह की 26 तारीख को लैयकरा थाना में मामला दर्ज कराया था। जिसमे सुलेही पंचायत के जीआरएस संजीव पसायत मुख्य अभियुक्त थे। वही यह भ्रष्टाचार के प्रमाणित होने के बाद संजीव पसायत ने चरणबद्ध रूप में 20 लाख रुपये विभाग को लौटाए थे। विभाग ने पहले उक्त जीआरएस को निलम्बित किया फिर बहिष्कृत किया था। गत 2016/17 के आर्थिक वर्ष में किरमिरा ब्लाक में इंदिरा आवास, बीजू पक्का घर व मो कुडिया योजना में 20 लाख 20 हजार रुपये का भ्रष्टाचार होने कि बात लोकल फंड आडिट में सामने आई थी। पंचायत समिति कि कैश बुक में बीना उल्लेख के 20 लाख 20 हजार रुपये ब्लाक से फर्जी पेमेंट एडवाइस 27 लाभुकों को प्रदान किया गया था। समिति की ओर से बैंक को जारी किए गए पेमेंट एडवाइस में बीडीओ के हस्ताक्षर को टेंपिग किया गया था। अभी इस मामले में जांच जारी है।