रेंगाली विधायक की मानवता पर ओडिशा बाग-बाग
ओडिशा में अक्सर मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं सामने आती हैं। ह
संसू, झारसुगुड़ा : ओडिशा में अक्सर मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं सामने आती हैं। हाल ही में राज्य के बौद्ध जिला में सामाजिक बहिष्कार के कारण जीजा को अपनी साली का शव साइकिल में लादकर श्मशान घाट ले जाना पड़ा था। यह घटना पूरे राज्य में सुखिर्यो में रही। ठीक इसी तरह की घटना संबलपुर जिले के रेंगाली ब्लॉक में हुई। लेकिन, यहां क्षेत्रीय विधायक ने एक ऐसी मिसाल पेश की जिस पर न सिर्फ इलाके के लोग बल्कि जिला एवं राज्य वर्षो तक नाज करता रहेगा।
दरअसल, यहां एक वृद्धा की मौत हो जाने के बाद किसी ने भी उसके शव को हाथ नहीं लगाया। मृतका के वृद्ध पति के पास पैसे नहीं होने के कारण गांव के ही एक व्यक्ति के घर के बरामदे में घंटों शव पड़ा रहा। इसकी खबर लगते ही रेंगाली के विधायक रमेश पटुआ अपने बेटे व भतीजे के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और अर्थी का इंतजाम करा शव को कंधा देकर शमशान घाट ले गए और विधि पूर्वक अंतिम संस्कार कराया। इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी उपस्थित रहे।
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तीन साल से अमनापाली गांव में रह रहे थे वृद्ध दंपती : झारसुगुड़ा जिले के कोलाबीरा ब्लॉक अंतर्गत सोड़ामाल पंचायत के अमनापाली गांव में तीन साल से असहाय वृद्ध दंपती रह रहे थे। गांव के ही जीवर्धन साहू के घर के बरामदे में रहने के दौरान गुरुवार को किसी कारणवश वृद्धा की मौत हो गई।
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बरामदे में घंटों पड़ा रहा शव : बताया जाता है कि वृद्धा की मौत हो जाने के बाद घंटों तक शव बरामदे में पड़ा रहा। किसी ने हाथ तक नहीं बढ़ाया। गांव के लोग अपने घर से बाहर तो निकले, शव भी देखा लेकिन अथीं को कंधा देने और अंतिम संस्कार के लिए कोई आगे नहीं आया। सब लोग सिर्फ शव देखकर चलते बनते।
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बेटे-भतीजे संग कंधा देने पहुंचे विधायक : इसकी खबर किसी तरह रेंगाली के विधायक रमेश पटुआ को मिली। पटुआ अपने बेटे व भतीेजे के साथ गांव पहुंचे और ग्रामीणों को एकत्र किया। विधायक ने खुद आगे बढ़कर असहाय को ज्योंहि कंधा दिया, ग्रामीण भी इसमें शामिल हो गए। विधायक बरामदे से श्मशान घाट तक अर्थी ले गए और वहां विधि पूर्वक अंतिम संस्कार किया।
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भीख मांगकर गुजर-बसर करता था दंपती : ग्रामीणों के मुताबिक,वृद्ध दंपती भीख मांगकर अपना गुजारा करता था। कई बार लोग दंपती को घर में ही खाना खिला दिया करते थे। शाम होते ही पति-पत्नी बरामदे में आकर रात काटते और फिर अगले दिन उनका भिक्षाटन शुरू हो जाता। :::::::::::
अंतिम संस्कार के लिए पति के पास नहीं थे पैसे : मृतका के वृद्ध पति ने बताया कि भीख मांगना तो हमारा पेशा था। भीख से हमें उतने पैसे नहीं होते कि हम अपनी पत्नी का दाह संस्कार करते। इसलिए पत्नी की मौत के बाद घंटों बरामदे में शव पड़ा रहा मगर कोई आगे नहीं आया।
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हरिश्चंद्र योजना के तहत दिलाए दो हजार रुपये : रेंगाली विधायक रमेश पटुआ ने हरिश्चंद्र योजना के तहत मृतका के पति को दो हजार रुपये भी दिलाए। साथ ही वृद्ध को आश्वस्त किया कि आगे भी किसी तरह की जरूरत पर दरवाजा खुला रहेगा।
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लोगों के सुख-दुख में साथ रहते विधायक : वैसे तो सोडामाल पंचायत का अमनापाली गांव झारसुगुड़ा जिला में आता है मगर अमनापाली रेंगाली से सटा होने के कारण दोनों के बीच मजबूत संबंध है और पटुआ रेंगाली से विधायक है। विधायक हमेशा लोगों के सुख-दुख में साथ रहते हैं। यही वजह है कि एक अपरिचित व असहाय वृद्धा का अंतिम संस्कार कराने व कंधा देने वे स्वयं गांव पहुंच गए।