ट्रेन से कटकर चार हाथियों की मौत
दुर्घटना के चलते हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर करीब साढ़े तीन घंटे तक आवागमन ठप रहा। इस हादसे की जानकारी होते ही मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्र हो गई।
झारसुगुड़ा, जेएनएन। चक्रधरपुर रेल मंडल के झारसुगुड़ा रेलवे जंक्शन व बागडीह रेलवे स्टेशन के बीच तेलीडीहअगरिया रेलवे क्रासिंग के पास सोमवार भोर में करीब साढ़े तीन बजे रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से चार हाथियों की मौत हो गई। इनमें एक वयस्क नर और एक मादा तथा दो नर बच्चे शामिल हैं।दुर्घटना के चलते हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर करीब साढ़े तीन घंटे तक आवागमन ठप रहा। इस हादसे की जानकारी होते ही मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ एकत्र हो गई।
जानकारी के अनुसार हावड़ा-मुंबई मेल के चालक ने सुबह करीब चार बजे झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन मास्टर को इस बात की जानकारी दी। चालक ने बताया कि तेलीडीह-अगरिया रेलवे क्रासिंग के पास डाउन लाइन में एक, अप लाइन में एक तथा इन दोनों बीच में दो हाथियों का शव पड़े हैं।
सूचना मिलते ही रेल महकमा और वन विभाग सक्रिय हो गया। दोनों विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद क्रेन की मदद से हाथियों के शवों को रेल पटरी से हटाने का काम शुरू किया गया। करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेल लाइन क्लीयर हुआ। इस संबंध में झारसुगुड़ा स्टेशन मैनेजर तुलसी नायक ने बताया कि ट्रेन से कटकर चार हाथियों के मरने की जानकारी हावड़ा मुंबई मेल के चालक के मेमो से पता चला। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस ट्रेन की चपेट में आने से हाथियों की मौत हुई है। हालांकि स्थानीय लोगों के अनुसार किसी मालगाड़ी की चपेट में आने से हाथियों की मौत हुई है। रेल पटरी से हाथियों का शव हटाने के बाद वन विभाग ने इस मामले की छानबीन शुरू कर दी है। वहीं, पोस्टमार्टम के बाद सभी शवों को दफना दिया गया है।
सितंबर में हुआ था हादसा
29 सितंबर 2017 को इसी स्थान पर हाथी का एक बच्चा तथा 23 अक्टूबर को बिजली की तार के संपर्क में आ जाने से एक मादी हाथी एवं एक बच्चे की मौत हो गई थी। इस क्षेत्र में लगातार हो रही इस तरह की दुर्घटनाओं को लेकर स्थानी ग्रामीणों में आक्रोश है। सभी इसके लिए रेलवे एवं वन विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदार मान रहे हैं।
गंजाम में हुई थी छह हाथियों की मौत
वर्ष 2012 में गंजाम जिला के रंभा के पास रेलवे लाइन पार करते समय ट्रेन से कटकर छह हाथियों की मौत हो गई थी। उस समय इस तरह का हादसा रोकने के लिए रेलवे एवं वन विभाग के बीच गंभीरता से विचार विमर्श करके जरूरी कदम उठाने का निर्णय हुआ था। इसके बावजूद झारसुगुड़ा में चार हाथियों की ट्रेन से कटकर मौत से पशु प्रेमी एवं बुद्धिजीवियों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
यह क्षेत्र एलीफैंट कोरिडोर का है। सितंबर व अक्टूबर में यहां हादसे के बाद रेल विभाग से ट्रेनों की गति कम करने के लिए लिखित रूप से अनुरोध किया गया है। कुछ महीने ट्रेनों की रफ्तार धीमी रही फिर पहले जैसी स्थिति हो गई है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे की ओर से पहल नहीं किया जा रहा है। वन विभाग की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है। मारे गये हाथियों की उम्र 15 से 20 साल है जबकि बच्चों की उम्र एक से दो साल है।
पीके धल, एसीएफ, झारसुगुड़ा।