श्रमिकों को मिलने वाली सहायता राशि की सूची में त्रुटि
कैचवर्ड हकमारी -निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों का नाम पंजीकरण नवीनीकरण फिर से करने की
कैचवर्ड : हकमारी
-निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों का नाम पंजीकरण, नवीनीकरण फिर से करने की मांग
-लॉकडाउन के दौरान कितने प्रवासी मजदूर आए इसकी भी सूची प्रकाशित करने की मांग
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संसू, झारसुगुड़ा : कोरोना के लिए राज्य सरकार ने मजदूरों को प्रदान किए जाने वाली आर्थिक सहायता प्रदान सूची में व्यापक त्रुटि देखी जा रही है। कोरोना के कारण काम धंधा बंद रहने से राज्य सरकार के श्रम विभाग कल्याण फंड से 15 सौ रुपए प्रदान करने के लिए निर्माण मजदूरों की एक सूची तैयार की थी। जिसमें शहरांचल के अनेक मजदूरों की सूची ग्रामीण अंचल में प्रकाशित हुई है। इस प्रकार कि त्रुटि के कारण मजदूरों उक्त सहायता राशि नही मिल पा रहा है। मजदूर जिला श्रम विभाग के आफिस का चक्कर लगा रहे है। वहीं दूसरी ओर, लॉकडाउन के कारण कुछ भी सुनवाई नही हो रही है। श्रम विभाग को तुरंत एक संशोधित सूची प्रकाश कर पंचायत व नगर पालिका को दिया जाना चाहिए। जो कि अभी तक नही दी गई है। श्रम विभाग सहायता राशि सीधे श्रमिकों के एकाउंट में भेजने कि बात अधिकारों ने कही है। मगर अश्वासन के तीन माह बाद भी उक्त सहायता राशि श्रमिकों के एकाउंट में नही भेजा जाने का आरोप लगा है।अभी तक राज्य के अनेक जिलों के 15 से 25 फीसद तक श्रमिक को सहायता राशि नही मिली है। जो राशि पंचायत व शहरांचल विभाग के श्रमिकों को वितरण के लिए दी गई। उसे तुरंत वापस लेकर जिन श्रमिको को यह राशि नही मिली है, उन श्रमिकों के एकाउंट में उसे भेजा जाने की मां प्रगतिशील श्रमिक मंच ने की है। जिले में राज्य भर से कितने प्रवासी श्रमिक आए, उनकी भी सूची प्रकाश कि जाए। राज्य में प्रवासी श्रमिकों की स्थिति एंव उनकी कुशलता नाप कर उनको विभिन्न आर्थिक क्रार्यक्रमों के साथ जोड़ा जाए। निर्माण क्षेत्र में श्रमिकों का नाम पंजीकरण, नवीनीकरण प्रक्रिया फिर से आरंभ करने के साथ उनके लिए तय विभिन्न सहायता प्रदान करने कि मांग प्रगतिशील श्रमिक मंच ने की है। केवल झारसुगुड़ा ही नही पूरी ओडिशा में इसके लिए जारी की सूची में त्रुटि है।