हाथियों से त्रस्त ग्रामीणों ने वनकर्मियों को बंधक बनाया
ग्रामीणों ने नुकसान की भरपाई दस दिनों में करने तथा डीएफओ को गांव आकर हाथी को यहां से खदेड़ने का भरोसा देने से ही बंधक वनकर्मियों को छोड़ने की मांग की।
झारसुगुड़ा, जेएनएन। कोलाबिरा वन क्षेत्र में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते रविवार की रात वन क्षेत्र के दंडाबुड़ा गांव में एक दंतैल हाथी ने आठ ग्रामीणों का घर धराशायी कर दिया। सोमवार की सुबह इसका निरीक्षण करने पहुंचे वन विभाग के तीन कर्मचारियों को बंधक बना लिया। इन वनकर्मियों को डीएफओ सुशांत कुमार के गांव पहुंचने व प्रभावितों को आवश्यक मदद दिलाने के आश्वासन पर करीब आठ घंटे के बाद शाम के समय मुक्त किया गया।
घटनाक्रम के अनुसार, रविवार की रात दंडाबुड़ा गांव में एक दंतैल हाथी घुस आया था। इस हाथी ने गांव के राम वनछोर, डिलेश्वर जयपुरिया, मनोरमा लुहा, तपस्विनी खमारी, चंचल मकर व खिरोद प्रधान समेत अन्य दो ग्रामीणों का घर तोड़ डाला। ग्रामीणों ने एकजुट होकर किसी तरह हाथी को गांव से बाहर खदेड़ा। साथ ही वन विभाग को इसकी सूचना दी। सोमवार की सुबह घटना का जायजा लेने के लिए फॉरेस्टर परशुराम साहू समेत दो महिला कर्मचारी गांव पहुंचे। वनकर्मियों को देखते ही ग्रामीण उत्तेजित हो गए और तीनों को एक घर में बंद कर ताला जड़ दिया।
ग्रामीणों ने नुकसान की भरपाई दस दिनों में करने तथा डीएफओ को गांव आकर हाथी को यहां से खदेड़ने का भरोसा देने से ही बंधक वनकर्मियों को छोड़ने की मांग की। इसकी जानकारी मिलने के बाद करीब आठ घंटे बाद शाम के समय डीएफओ सुशांत कुमार व कोलाबिरा के रेंजर नकुल किसान गांव पहुंचे। डीएफओ ने तीन महीने मे ग्रामीणों के नुकसान की भरपाई करने तथा हाथी को खदेड़ने स्पेशल टार्च प्रदान करने का भरोसा दिया। तब जाकर ग्रामीणों ने बंधक वनकर्मियों को मुक्त किया।