सूखे की चपेट में झारसुगुड़ा
बारिश एवं सिंचाई संसाधनों के अभाव में पूरा जिला सूखे की चपेट में आ गया है।
जेएनएन, झारसुगुड़ा/ब्रजराजनगर : बारिश एवं सिंचाई संसाधनों के अभाव में पूरा जिला सूखे की चपेट में है। कुछ दिन पूर्व तक ऊंचाई वाले क्षेत्र में धान की फसल पूरी तरह नष्ट होने की खबर थी लेकिन अब निचले क्षेत्र में भी खेतों में खड़ा धान पानी के अभाव में मर रहा है। यह खुलासा पिछले सप्ताह कृषि विभाग की ओर से किए सर्वेक्षण में हुआ है। पहले जिले में करीब 20 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में खड़ी धान की फसल क्षतिग्रस्त होने का आकलन किया गया था लेकिन अब यह बढ़कर 30 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गई है।
इसे लेकर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। सर्किट हाउस में जिलाधीश विभूति भूषण पटनायक ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या से निपटने व प्रभावितों तक राहत पहुंचाने को लेकर चर्चा की। बैठक में जिला कृषि उपनिदेशक पुष्पेश पुजारी, कृषि समन्वय, राजस्व व जिला योजना विभाग के अधिकारी शामिल रहे। जिलाधीश ने बताया कि राजस्व व कृषि अधिकारियों के द्वारा सूखे पर संग्रह की जा रही संयुक्त रिपोर्ट तीन से चार दिन में एसआरसी के पास एक मध्य वार्ताकालीन सूखे की रिपोर्ट भेजी जाएगी। सितंबर व अक्टूबर महीने में सामान्य से कम वर्षा होने से धान की फसल क्षतिग्रस्त हुई। क्षतिग्रस्त किसानों को सरकारी मदद प्रदान करने व इनपुट सब्सिडी प्रदान करने के लिए प्रशासन तत्पर है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि राजस्व विभाग की ओर से प्रारंभिक आकलन किया जा रहा है। अब तक लैयकरा व किरमिरा ब्लॉक की रिपोर्ट मिली है। दोनों ब्लाक में पांच हजार हेक्टेयर जमीन में धान की खेती हुई थी जिसमें से प्राय: 50 प्रतिशत से अधिक हेक्टेयर भूमि में धान की फसल 30 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त हुई। इसलिए क्षतिग्रस्त किसानों को तुरंत सहायता प्रदान करने क्षति का आकलन व रिपोर्ट प्रस्तुत कर सरकार को इससे अवगत करना जरूरी है। बैठक में क्षतिग्रस्त किसानों को किस प्रकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सहायता मिलेगी इस पर भी विचार विमर्श किया गया। बैठक में ग्राम्य उन्नयन संस्थान के परियोजना निदेशक सत्यनारायण दास, अतिरिक्त जिलाधीश त्रिलोचन माझी, योजना अधिकारी शरत चंद्र नायक सहित जिला कृषि अधिकारी सहायक कृषि अधिकारी उपस्थित थे।
लुई¨सग पंचायत में किया आकलन
इस वर्ष कम वर्षा के चलते अकाल के बादल मंडरा रहे हैं। मंगलवार को अकाल की स्थिति का जायजा लेने के लिए ग्रामीण कृषि अधिकारी तुलसी नायक, सहायक राजस्व निरीक्षक निवेदिता नायक ने लुई¨सग पहुंचकर किसानों के साथ न सिर्फ चर्चा की बल्कि कोईलगा एवं बारहखंडिया गांव जाकर खेतों में खड़ी धान की फसल का हाल देखा। इस वर्ष कोईलगा की 372 एकड़ माल एवं बेरना जमीन में धान की फसल नष्ट हो गई। इसी तरह बघियाबेरना में 58 एकड़ माल व 50 एकड़ बेरना जमीन एवं 75 एकड़ बहाल जमीन में खड़ा धान पूरी तरह नष्ट होने की बात प्राथमिक जांच में सामने आयी है। इलाके के किसानों ने कृषि एवं राजस्व अधिकारियों से शीघ्र आर्थिक सहायता की व्यवस्था करने की मांग की है।