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जिंदा की फिक्र नहीं, मुर्दो के लिए हैं परेशान

संवाद सहयोगी, घाटशिला : पुराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बनाया गया राज्य का पहला एसएलसीयू

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Feb 2018 02:59 AM (IST)Updated: Fri, 09 Feb 2018 02:59 AM (IST)
जिंदा की फिक्र नहीं, मुर्दो के लिए हैं परेशान
जिंदा की फिक्र नहीं, मुर्दो के लिए हैं परेशान

संवाद सहयोगी, घाटशिला : पुराने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बनाया गया राज्य का पहला एसएलसीयू को जल्द से जल्द अनुमंडल अस्पताल में शिफ्ट करने को लेकर मेडीसीटी के एक्सपर्ट को बुलाया गया है। ताकि एसएनसीयू के उपकरण को वहां से शिफ्ट किया जा सके। इसके अलावा बहरागोड़ा सीएचसी की तरह अनुमंडल अस्पताल में जल्द से जल्द ऑपरेशन की व्यवस्था की जा सके। उक्त बाते गुरुवार को निरीक्षण में पहुंचे सिविल सर्जन महेश्वर प्रसाद ने कही। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। उनसे पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि अस्पताल में परिवार में विवाद होता है। आपस में थोड़ा मनमुटाव है इसे दूर करने के लिए आए थे, पर साहब डॉ. असरफ बदर आज नहीं है। उन्होंने कहा कि आपसी मनमुटाव को लेकर मरीजों पर प्रभाव न पड़े इसके लिए वे स्वयं गंभीर है। निरीक्षण के क्रम में स्वास्थ्य कर्मी सहित चिकित्सकों की उपस्थिति पंजी का भी जांच किए। मौके पर प्रभारी डा. शंकर टुडू, डा. रोजेश्वरी बेग सहित अन्य कई शामिल थे।

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डॉ. बेग को मिला रोस्टर बनाने की जिम्मेदारी

सिविल सर्जन ने महेश्वरी प्रसाद ने कहा कि प्रभारी के द्वारा ड्यूटी के लिए बनाया गया रोस्टर को यदि चिकित्सक नहीं मानते है तो डॉ. राजेश्वरी बे रोस्टर बनाए और उसी रोस्टर का पालन सभी चिकित्सक करे। रोस्टर में कही भी किसी तरह की युक नहीं हो इसका ख्याल रखा जाए। साथ ही सिविल सर्जन ने प्रभारी द्वारा बनाया गया रोस्टर न माने वाले तीन चिकित्सक से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है साथ ही प्रभारी के निर्देश पर कार्य करने का आदेश भी सिविल सर्जन ने दिए।

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पहले जिंदा का व्यवस्था करे बाद में मुर्दो की होगी व्यवस्था

सिविल सर्जन महेश्वरी प्रसाद से पोस्टमार्टम हाउस की व्यवस्था को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि एक साथ सभी समस्या का समाधान होना संभव नही है। पहले जिंदा लोगों की व्यवस्था कर ले इसके बाद मुर्दा की व्यवस्था की जाएगी।


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