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झारसुगुड़ा में मनाई गई डा. मोतीलाल त्रिपाठी की जयंती

मोतीलाल त्रिपाठी स्वाधीनता आंदोलन के पुरोधा आजाद हिद फौज व सुभाष चंद्र बोस के फारवर्ड ब्लाक के सदस्य भी थे। वे कटक मेडिकल कालेज के प्रथम चुने हुए छात्र अध्यक्ष थे। 60 के दशक में झारसुगुड़ा नगरपालिका के नगरपाल भी रहे थे। टाउन हाई स्कूल के संस्थापक थे। उनका जन्म 19 जनवरी 1917 में झारखंड के सिंहभूम जिले में हुआ था। वे अपने समय में अंचल के नामचीन डाक्टर थे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 07:00 AM (IST)
झारसुगुड़ा में मनाई गई डा. मोतीलाल त्रिपाठी की जयंती
झारसुगुड़ा में मनाई गई डा. मोतीलाल त्रिपाठी की जयंती

संसू, झारसुगुड़ा : डा. मोतीलाल स्मृति कमेटी ने स्टेशन रोड स्थित कनक दुर्गा मंडप में बुधवार को डा. मोतीलाल त्रिपाठी की 105वीं जयंती मनाई। स्वच्छ राजनीति, दक्ष व ईमानदार राजनेता नामक एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता पश्चिम ओडिशा कृषक समन्वय समिति के संयोजक तथा समाजवादी जन परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लिगराज ने वर्तमान समाज का पतन, राजनैतिक पतन, लाभ व लाभखोर विचार के नेता, संवेदन हीन विचार, जनता व नेता के बीच दूरी पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में गांधी जी के विचार व आदर्श का पता ही नहीं है। आज स्वच्छ राजनीति व इमानदार नेताओं की कमी है, जो समाज व देश के लिए अभिशाप बन रही है। इस अवसर पर अन्यतम अतिथि के रूप में डा. शखा राम दुबे, डा एमजे डोरा ने मोतीलाल त्रिपाठी के जीवन शैली पर अपने विचार रखे। विदित हो कि मोतीलाल त्रिपाठी स्वाधीनता आंदोलन के पुरोधा, आजाद हिद फौज व सुभाष चंद्र बोस के फारवर्ड ब्लाक के सदस्य भी थे। वे कटक मेडिकल कालेज के प्रथम चुने हुए छात्र अध्यक्ष थे। 60 के दशक में झारसुगुड़ा नगरपालिका के नगरपाल भी रहे थे। टाउन हाई स्कूल के संस्थापक थे। उनका जन्म 19 जनवरी 1917 में झारखंड के सिंहभूम जिले में हुआ था। वे अपने समय में अंचल के नामचीन डाक्टर थे। जयंती सभा का संचालन एलएन कालेज के अर्थनैतिक विभाग के प्रोफेसर तपन कुमार बारीक ने किया। स्वागत भाषण व अतिथि परिचय युवा संगठक विजय दास ने कराया। अंत में मंदाकनी सत्पति ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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बकाया वेतन व दुबारा नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलन

संसू, झारसुगुड़ा : चार साल से बंद पड़े कानकास्ट कारखाना अब खुलने जा रहा है। बड़माल स्थित इस कारखाना को एनसीएलटी के निर्देश के बाद एसएमसी पावर जनरेशन कंपनी ने खरीद लिया है। लेकिन प्रबंधन ने कंपनी में काम करने वाले पांच सौ से अधिक कर्मचारी व श्रमिकों को नियुक्ति नही दी है। इस बाबत दुबारा नियुक्ति व बकाया भुगतान की मांग करते हुए उन्होंने गुरुवार को कारखाना के मुख्य फाटक को बंद कर आंदोलन किया। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन ने यहां कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मजिस्ट्रेट के तौर पर गोलक बिहारी मंगराज के साथ बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की थी। काफी देर बाद कारखाना प्रबंधन ने आंदोलनकारियों से बात की तथा कर्मचारियों व श्रमिकों का फिर से इंटरव्यू कर सिलेक्शन करने पर राजी हुए, लेकिन आंदोलनकारी मजदूरों ने यह कहते हुए शर्त को मानने से मना कर दिया कि वे कई सालों से यहां काम कर रहे है, ऐसे में वे इंटरव्यू क्यों दे। प्रशासन व पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आंदोलनकारी शांत हुए तथा आगे वार्ता के लिए बुलाए जाने के आश्वासन पर माने।


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