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रसूल की आमद मरहबा-सरकार की आमद मरहबा

जागरण संवाददाता मेदिनीनगर (पलामू) शहर समेत पूरे पलामू जिले में शुक्रवार को अकीदत-मुहब्

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 07:06 PM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 07:06 PM (IST)
रसूल की आमद मरहबा-सरकार की आमद मरहबा
रसूल की आमद मरहबा-सरकार की आमद मरहबा

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू) : शहर समेत पूरे पलामू जिले में शुक्रवार को अकीदत-मुहब्बत व उत्साह के साथ हजरत मोहम्मद सल्ललाहो अलैही वसल्लम की जयंती ईद मिलादुन्नबी मनाई गई। शुक्रवार की सुबह गुलाबी ठंड के बीच जुलूस-ए-मोहम्मदी में युवा, बच्चे व बुजुर्ग शामिल हुए। जुलूस में अकीदमंद रसूल की आमद मरहबा, सरकार की आमद मरहबा , रसूल-ए-खुदा की शान अल्लाह-अल्लाह आदि के नारे बुलंद करते हुए आगे बढ़ रहे थे। स्थानीय गौसिया मुहल्ला से सुबह 8.30 बजे जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। यह जुलूस मुस्लिमनगर पहुंचा। यहां शाने रसूल पर रौशनी डाली गई। जुलूस लाल कोठा, कन्नी राम चौक, शाह मुहल्ला होते हुए गौसिया मुहल्ला चौक पर पहुंचकर एखतेताम पजीर हुआ। इसका नेतृत्व मिल्लते इस्लामिया कमेटी के सदर सह भाजपा नेता गुलाम गौस खां उर्फ गुड्डू खां,कांग्रेस नेता सह समाजसेवी जीशान खां आदि ने किया। जुलूस के दरम्यान रास्ते में उलेमा-ए-कराम ने ईद मिलादुन्नबी के महत्व पर प्रकाश डाला। जुलूस शाह मोहल्ला पहुंचा तो थोड़ी देर के लिए रूका। यहां स्थानीय चौक बाजार मस्जिद के खतीब व इमाम, हाफिज अल्लामा मौलाना जुबैर अहमद ने कहा कि इस्लाम पूरे विश्व को नफरत दूर करने व अमन कायम करने का पैगाम देता है। इस्लाम किसी को तकलीफ नहीं देने का पैगाम देता है। इससे पूर्व इस्लामिया कमेटी के सदर गुड्डू खां ने कहा कि सभी के सहयोग से यहां ईद मिलाद्न्नबी सुकून माहौल में मनाई गई। जीशान खां ने कहा कि इस्लाम आपसी भाईचारगी का संदेश देता है। मौके पर कारी अनीस, सैयद नूर मोहम्मद उर्फ तुल्लू,मो लड्डू, इस्लाम देता है अमन का पैगाम : मौलाना जुबैर

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: स्थानीय गौसिया मोहल्ला में नूरी मस्जिद के निकट जुलूस-ए-मोहम्मदी कमेटी के तत्वावधान में जलसा ईद मिलाद्न्नबी का एहतेमाम किया गया। जलसा को स्थानीय चौक बाजार मस्जिद के खतीब व इमाम हाफिज अल्लामा मौलाना जुबैर अख्तर बरकाती ने खिताब किया। कहा कि इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद सल्ललाहो अलैही वसल्लम ने दुनिया की सामाजिक,आर्थिक व राजनीतिक बुराइयों को दूर किया। अमन का पैगाम दिया। महिलाओं को हक व सम्मान दिलाया। शराब हराम करार हुआ। उन्होंने कहा कि मुसलमान दहशतगर्द नहीं हो सकता है। हजरत मोहम्मद सल्ललाहो अलैही वसल्लम ने इस्लाम मजहब के माध्यम से विश्व को शांति, भाईचारगी व वतन से मुहब्बत करने पैगाम दिया है। इस्लाम तलवार से नहीं एखलाक से फैला है। अल्लाह व उसके रसूल पर बताए रास्ते पर चलकर ही दुनिया में अमन की फिजां कायम की जा सकती है। जरूरत है इस्लाम के कायदे-कानून पर अमल करने की। सलातो सलाम व दुआ के साथ जलसा संपन्न हुआ। इससे पूर्व जलसा को हाफिज अहमजद अली ने खिताब किया। अदनान काशिफ ने नातपाक पेश किया। मौके पर कमेटी के सदर सज्जाद अहमद अतारी,पलामू के सदर मो शमीम उर्फ ललन , कारी अनीस, सैयद मोहम्मद जहांगीर,चौक बाजार मस्जिद के सचिव मोबीन अख्तर,अफरोज आलम उर्फ पप्पू,नजीर शाह,साबिर अली उर्फ सुरख्वाब, मदरसा गौसिया रिजविया के सचिव अब्दुल कद्दूस खां समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। खूब बंटी शिरनी, गले मिलकर दी बधाई।

जूलूस-ए-मोहम्मदी में शामिल लोगों का कई जगह स्वागत हुआ। रास्ते में शिरनी का वितरण किया गया। इसमें अकीदमंदों ने शिरनी ली। सजी मसाजिद व गलियां,

ईद मिलादुन्नबी को लेकर शहर की मस्जिदों व मुस्लिम इलाकों सजाया गया। शहर की जामा मस्जिद,चौक बाजार मस्जिद,मदीना मस्जिद,नूरी मस्जिद ,मस्जिद-ए-हेरा को सजाया गया था। कई मुहल्लों में झालर व फ्लैक्स आदि लगाए गए थे।


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