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राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

विश्व प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई सोमवार को हुई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 04:52 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 04:52 PM (IST)
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

जागरण संवाददाता, कटक : विश्व प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका की सुनवाई सोमवार को हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के निर्देशानुसार राज्य सरकार एवं भारतीय पुरात्तव विभाग (एएसआइ) की तरफ से हलफनामा दाखिल किया गया। एएसआइ की ओर से दायर रिपोर्ट को लेकर आवेदनकारी की तरफ से सवाल उठाए जाने पर हाईकोर्ट ने एएसआइ डीजी को दोबारा हलफनामा दाखिल करने को निर्देश दिया है। वकील दिलीप कुमार महापात्र की ओर से कोणार्क मंदिर की सुरक्षा को लेकर दायर मिस केस मामले की सुनवाई कर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केएस जावेरी एवं जस्टिस केआर महापात्र की खंडपीठ ने यह निर्देश जारी किया है। आगामी 18 दिसंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। कोणार्क की स्थिति के संदर्भ में एएसआइ की तरफ से विभाग के अरुण मलिक ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। उन्होंने कोणार्क को लेकर आए तमाम आरोप को अस्वीकार किया था और दर्शाया था कि कोणार्क को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है।

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कोणार्क को सेंट्रली प्रोटेक्टेड मोनूमेंट घोषित किया गया है, जिसके चलते कोणार्क मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी एएसआइ ने लिया है। कोणार्क को लेकर तमाम आवश्यक बजट भी की गई है। होनहार अधिकारियों की निगरानी में कोणार्क मंदिर का संरक्षण एवं सुरक्षा की जा रही है। 2010 में कोणार्क मंदिर के अंदर जल जमाव की समस्या के समाधान के लिए काम किया गया है। विभाग के डीजी, संयुक्त डीजी एवं निदेशक तमाम कार्य का जायजा ले रहे हैं। वर्ष 1997 में विशेषज्ञों की सलाह एवं 2010 में सूर्य मंदिर पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से मिली सलाह के आधार पर एएसआइ काम कर रहा है।

वहीं सूर्य मंदिर की सुरक्षा को लेकर सोमवार को और एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है। पुण्य उत्कल ट्रस्ट के संगठन सचिव सुशांत एवं ओड़िया पर्व के प्रकाशक संतोष साहू की तरफ से मामला दर्ज किया गया है। इन्होंने अपनी याचिका में दर्शाया है कि कोणार्क मंदिर सुरक्षित नहीं है। इसकी सुरक्षा के लिए यूनेस्को को शामिल कर कमेटी बनायी जाए और उस कमेटी को लेकर कोणार्क की सुरक्षा की जाए।


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