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रेवेंशा में साइन डाय घोषित, खाली कराए गए छात्रावास

रेवेंशा विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि एवं सफाई के लिए हॉस्टल खाली करने कुलपति प्रो

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 May 2018 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 05:20 PM (IST)
रेवेंशा में साइन डाय घोषित, खाली कराए गए छात्रावास
रेवेंशा में साइन डाय घोषित, खाली कराए गए छात्रावास

संसू, कटक : रेवेंशा विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि एवं सफाई के लिए हॉस्टल खाली करने कुलपति प्रो. इशान पात्र के निर्देश को लेकर शुरू हुआ आंदोलन तेज होने से मंगलवार देर शाम विश्वविद्यालय में साइन डाय घोषित कर दिया गया। इसके बाद बुधवार सुबह से ही छात्र-छात्राएं अपना बोरिया-बिस्तर लेकर कैंपस खाली करना शुरू कर दिया।

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उल्लेखनीय है कि रेवेंशा कुलपति द्वारा फीस वृद्धि एवं हॉस्टल खाली करने के निर्णय को वापस लेने की मांग करते हुए छात्र-छात्राओं ने मंगलवार को कुलपति कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन एवं आंदोलन शुरू कर दिया था। कुलपति ने छात्र-छात्राओं से धरना स्थल पर बातचीत की लेकिन मसला हल नहीं हुआ और आंदोलनरत विद्यार्थियों ने कुलपति कार्यालय में घुसने का प्रयास किया। हालांकि सही समय पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। लेकिन शाम को यह आंदोलन और तेज हो गया जिससे विवि परिसर में उत्तेजना फैल गई। इसके बाद अधिक संख्या में पुलिस बल परिसर में तैनात कर दिया गया। इसके बाद कुलपति ने जरूरी बैठक बुलाकर रेवेंशा में साइन डाय घोषित कर दिया। साथ ही निर्देश दिया गया कि छात्र रात में ही कैंपस खाली कर दें। ऐसे में बुधवार सुबह से रेवेंशा के 13 हॉस्टल में रहने वाले तमाम छात्र अपना बोरिया-बिस्तर समेटने में जुट गए और पुलिस की मौजूदगी में तमाम कैंपस को खाली करा लिया गया है। रेवेंशा छात्र क्रियानुष्ठान कमेटी के बैनर तले प्रदर्शन करने वाले छात्रों का कहना है कि कुलपति द्वारा लिया गया निर्णय उनके खिलाफ है। कमेटी के सदस्य आरती मेहरा एवं अशोक तांडी ने कहा कि रेवेंशा राज्य का प्रमुख विश्वविद्यालय है जहां कई गरीब बच्चे पढ़ाई करते हैं। ऐसे में फीस वृद्धि गरीब छात्रों के लिए समस्या बनेगी। ठीक इसी तरह हॉस्टल की सफाई के लिए कुलपति ने 28 मई के अंदर हास्टल खाली करने का जो निर्देश दिया हैं, उससे विभिन्न परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। अपने सामान को घर ले जाना फिर घर पर तैयारी करना मुश्किल है। ऐसे में वे हॉस्टल नहीं छोड़ेंगे।

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कोट

फीस वृद्धि तो हुई है, मगर दूसरे विश्वविद्यालय की तुलना में बहुत कम है। इसी तरह रेवेंशा के 13 हॉस्टल की हालत बदतर है। छात्रों की मौजूदगी में कीटनाशक छिड़काव व सफाई संभव नहीं है। गर्मी की छुट्टी के बाद हॉस्टल की सफाई कर उन्हें दे दिया जाएगा।

प्रो. इशान पात्र, कुलपति


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