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कटक में नकली दवा का कारोबार: क्राइमब्रांच एसटीएफ ने चार लोगों को दबोचा

कटक में नकली दवाई के कारोबार करने के आरोप में क्राइमब्रांच की एसटीएफ टीम ने चार लोगों पर शिकंजा कसा है। कंपनी के निर्देशक शुभलक्ष्मी जेना मैनेजर प्रीति रंजन परीडा और गोडाउन के इंचार्ज सत्य प्रकाश महंती को क्राइमब्रांच एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 02:43 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 02:43 PM (IST)
नकली दवाई कारोबार मामले में जांच-पड़ताल आगे बढ़ रही

कटक, जागरण संवाददाता। नकली दवाई कारोबार मामले में जांच-पड़ताल आगे बढ़ रही है। एक के बाद एक घटना से जुड़े तार सामने आने लगे हैं। अब इसी घटना के तहत क्राइमब्रांच की एसटीएफ टीम ने कुल चार लोगों पर शिकंजा कसा है। बुधवार को जहां तीन आरोपियों पर शिकंजा कसा गया था। वहीं गुरुवार को कटक के मेडिल्य्योड मेडिकेमेंट प्राइवेट लिमिटेड के एमडी शिव प्रसन्न जेना पर भी शिकंजा कसा है।

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बुधवार को कंपनी के निर्देशक शुभलक्ष्मी जेना मैनेजर प्रीति रंजन परीडा और गोडाउन के इंचार्ज सत्य प्रकाश महंती को क्राइमब्रांच एस टी एफ ने गिरफ्तार किया था। इसके बारे में क्राइमब्रांच के एडीजी यशवंत जेठवा ने गण माध्यम को जानकारी देते हुए कहा कि, नकली दवाई कारोबार की जांच के लिए कई टीम का गठन किया गया था। जिसमें से तीन टीम अभी ओडिशा, पश्चिम बंगाल और मुंबई में जांच-पड़ताल को जारी रखे हुए है। इस जांच में कई खुलासा भी हुआ है।

मुंबई के मैक्स रिलीज हेल्थ केयर संस्थान से कटक का मेडिल्क्योड मेडिकमेंट कंपनी काफी मात्रा में  फैविपिराविर दवाई खरीदी थी। जिस में फेविमैक्स 200 और फेविमैक्स 400 शामिल थी। फैविपिराविर दवाई के 10 टैबलेट को 65 रुपए में खरीद कर 1290 रुपए में यानी 20 गुना फायदे में बेचा जा रहा था। मुंबई में दो की गिरफ्तारी के बाद यह घटना राज्य में सामने आयी। क्योंकि कटक का मेडिल्ल्योड मेडिकामेंट का तार मुंबई के मैक्स रिलीफ हेल्थ केयर के साथ जुड़ा हुआ था। घटना के बाद कटक के मेडिल्लयोड मेडिकामेंट कंपनी के विभिन्न बैंक अकाउंट की जांच पड़ताल के बाद क्राइमब्रांच द्वारा फ्रीज कर दिया गया है।

गिरफ्तारी के डर से फरार रहने वाला शिव प्रसन्न जेना पर भी क्राइमब्रांच की एसटीएफ टीम ने शिकंजा कसा है। इसके पश्चात उसे अधिक पूछताछ में जुट गई है एस टी एफ टीम। बुधवार को इसी घटना में गिरफ्तार होने वाले तीनों आरोपियों को अदालत में हाजिर किया गया और फिर उन्हें चौद्वार जेल भेज दिया गया। कोरोना काल में जिंदगी बचाने के लिए दवाई को संजीवनी माना जाता रहा है।

लेकिन ऐसे में कुछ मुनाफाखोर व्यापारी अपनी तिजोरी भरने के लिए कोरोना काल में नकली दबाई कारोबार करने से नहीं चुके। इसके बारे में जानकारी मिलने के बाद पिछले 11 जून को ड्रग्स कंट्रोलर विभाग द्वारा कटक कनिका चौक में छापेमारी की गई थी। जहां से भारी मात्रा में नकली दवाई भी बरामद हुई थी।


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