बाल अपराध रोकने के लिए बने कानून व्यवस्था को मजबूत करें : चीफ जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र ने रविवार को यहा
जागरण संवाददाता, कटक :
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र ने रविवार को यहां कहा है कि बाल अपराधियों का पुनर्वास एवं उनकी नियुक्ति वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरूरत है। इससे जहां वे एक तरफ समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे और दूसरी ओर उनको नियुक्ति मिल जाने पर उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। इसके बाद वे फिर कभी अपराध की ओर कदम नहीं रखेंगे। इसलिए समय की मांग है कि न्यायिक विभाग और राज्य सरकार संयुक्त रूप से मिलकर बाल अपराध रोकने के लिए बने कानून व्यवस्था को और मजबूत करने का प्रयास करें। वह यहां आयोजित बाल अपराध संबंधी एक कार्यशाला में भाग ले रहे थे।
उन्होंने कहा कि बच्चों की मानसिक अवस्था पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कई मामलों में बाल अपराधी परिवार या समाज की लापरवाही के चलते राह से भटक जाते हैं। इसके बाद नशे की लत में पड़ जाते हैं और कई तरह की आपराधिक गतिविधियों से जुड़ जाते हैं। इस अवसर पर हाईकोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस संजू पंडा एवं ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनीत शरण ने भी अपने विचार रखे।
बाल अपराध विषय को लेकर आगामी 24 मार्च को कटक में राउंड टेबल क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। उस सम्मेलन में बाल अपराध संबंधी कानून पर विस्तार से चर्चा की जाएगी, जिसमें विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम के अंत में ओडिशा हाईकोर्ट जुवेनाइल कमेटी के सदस्य व हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एसके मिश्र ने सभी का आभार प्रकट किया। इस मौके पर हाईकोर्ट के न्यायाधीश के साथ विचार विभागीय अधिकारी, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, जुवेनाइल जस्टिस को लेकर कार्यक्रम चलाने वाले अधिकारी उपस्थित थे। दो टेक्निकल सेशन में बाल अपराध पर विस्तार से चर्चा की गई।